पागल मन की मर्ज़ियाँ, नैनों के उत्पात।
स्पर्श करें गुस्ताखियाँ, सपना लगती रात।१ ।
ये आँखों की सुर्खियाँ, बिखरे-बिखरे बाल।
अधरों की शैतानियाँ ,करें उजागर गाल।२ ।
यौवन रुत में जब करें , नैन हृदय पर वार।
घूंघट पट में लाज के, शरमाता शृंगार।३ ।
नैन करें जब नैन से, अंतर्मन की बात।
दो पल में सदियाँ मिटें ,रात लगे सौग़ात।४ ।
बंजारे सा मन हुआ, बंजारी सी प्यास।
विरह ताप में प्रीत की, व्यथित हुई हर आस।५ ।
बड़ा अजब है सृष्टि का, आसमान में खेल।
भानु संग होता नहीं, कभी चाँद का मेल।६ ।
कैसे कह दूँ मैं भला, सखी रात की बात।
अधरों पर होती रही, रह-रह कर बरसात।७ ।
यौवन की दहलीज पर , वो पहली मनुहार।
हर बंधन की हो गई, शरमीली सी हार। ८ ।
गूंगे स्वर गुंजित हुए, तृषा हुई साकार।
मुदित नैन करते रहे ,श्वास श्वास अभिसार।९ ।
राग मिलन के कर गए , प्रेम सुवासित भोर।
अंतस में गुंजित हुआ , विगत रैन का शोर।१० ।
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।
आदरणीय Samar kabeer जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।
आदरणीय TEJ VEER SINGH जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।
वाह आदरणीय अनुपम सरस दोहे..बधाई
जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छे दोहे रचे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी।बेहतरीन दोहे।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online