गरीबी मिटे औ कटे विघ्न बाधा, तमन्ना! बने स्वर्ग सा देश प्यारा
पले विश्व बंधुत्व की भावना औ, बने आदमी आदमी का सहारा
यहाँ सत्य का ही रहे बोलबाला, सदा के लिये झूठ से हो किनारा
निरोगी प्रतापी प्रभावी सभी हों, बने स्वाभिमानी लगे एक नारा।।
(मौलिक व अप्रकाशित)
Comment
आ. भाई सुरेंद्र जी, सुंदर रचना हुयी है । हार्दिक बधाई ।
आद0 हरिओम श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन। आपकी प्रतिक्रिया और उत्साहवर्धन के लिए हृदय तल से आभार
वाहह,वाहहह,लाजवाब महाभुजंगप्रयात छंद। देशप्रेम से ओतप्रोत, सुंदर कामना।
आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। आपकी प्रतिक्रिया और अनुमोदन से रचना को जो मान मिला, उसके लिए आभारी हूँ
वाह आदरणीय सुरेंद्र जी बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है। इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए दिल से बधाई।
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