For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये ज़ीस्त रोज़ सूरत-ए-गुलरेज़ हो जनाब(६३)

ये ज़ीस्त रोज़ सूरत-ए-गुलरेज़ हो जनाब

राह-ए-गुनाह से सदा परहेज़ हो जनाब

**

मंज़िल कहाँ से आपके चूमें क़दम कभी

कोशिश ही जब तलक न जुनूँ-ख़ेज़ हो जनाब

**

क्या लुत्फ़ ज़िंदगी का लिया आपने अगर

मक़सद ही ज़िंदगी का न तबरेज़ हो जनाब

**

मुमकिन कहाँ कि ज़िंदगी की पीठ पर कभी

लगती किसी के ग़म की न महमेज़ हो जनाब

**

उस जा पे फ़स्ल बोने की ज़हमत न कीजिये

जिस जा अगर ज़मीं ही न ज़रखेज़ हो जनाब

**

इस बात को न भूलें मुसीबत के दिनों में

पैमाना दिल का सब्र से लबरेज़ हो जनाब

**

रस्ते सदाकतों के चुने जब हैं आपने

कैसे न फिर ज़बीं पे कोई तेज़ हो जनाब

**

खूँरेज़ होना यूँ तो है अच्छा नहीं मगर

हसरत वतन के वास्ते खूँरेज़ हो जनाब

**

फ़ितरत नदी की प्यास बुझाना रहे 'तुरंत '

कुछ दिन भले नदी भी बला-खेज़ हो जनाब

**

गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत 'बीकानेरी

**

शब्दार्थ -सूरत-ए-गुलरेज़=गुलाब के फव्वारे की तरह

जुनूँ-ख़ेज़=जूनून बढ़ानेवाली ,तबरेज़ =चुनौतीपूर्ण ,

महमेज़=ऐड़ /घुड़सवार के जूते में लगी कील , जा =जगह ,

ज़रखेज़=उत्पादक ,लबरेज़=लबालब भरा ,

खूँरेज़=खून बहानेवाला/वाली

बला-खेज़ =अनर्थकारी /नुकसानदेह

(मौलिक एवं प्रकाशित )

Views: 387

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on September 22, 2019 at 12:39am

शुक्रिया ब्रज साहेब हौसला आफजाई के लिए 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 21, 2019 at 12:27pm

वाह आदरणीय क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है..

उस जा पे फ़स्ल बोने की ज़हमत न कीजिये
जिस जा अगर ज़मीं ही न ज़रखेज़ हो जनाब...कमाल है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"बहुत आभार आदरणीय ऋचा जी। "
7 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"नमस्कार भाई लक्ष्मण जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है।  आग मन में बहुत लिए हों सभी दीप इससे  कोई जला…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"हो गयी है  सुलह सभी से मगरद्वेष मन का अभी मिटा तो नहीं।।अच्छे शेर और अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ.…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"रात मुझ पर नशा सा तारी था .....कहने से गेयता और शेरियत बढ़ जाएगी.शेष आपके और अजय जी के संवाद से…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. ऋचा जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. तिलक राज सर "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"धन्यवाद आ. जयहिंद जी.हमारे यहाँ पुनर्जन्म का कांसेप्ट भी है अत: मौत मंजिल हो नहीं सकती..बूंद और…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"इक नशा रात मुझपे तारी था  राज़ ए दिल भी कहीं खुला तो नहीं 2 बारहा मुड़ के हमने ये…"
18 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय अजय जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी ख़ूब शेर कहे आपने बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
18 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  सादर"
18 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए सादर"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service