For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो

नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो 

घर आँगन में उजियारा हो
दुःखों का दूर अँधियारा हो
हो नई चेतना नवल स्फूर्ति
नित नव प्रभात आभामय हो
नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो 

नित नई नई ऊँचाई हो
हृद प्राशान्तिक गहराई हो
नित नव आयामों को चूमो
चहुँओर तुम्हारी जय जय हो
नव वर्ष तुम्हें मंगलमय हो 

जो खुशियाँ अब तक नहीं मिलीं
जो कलियाँ अब तक नहीं खिलीं
जीवन के नूतन अवसर पर
उनका मिलना-खिलना तय हो
नव वर्ष तुम्हे मंगलमय हो

मौलिक एवं अप्रकाशित

आशीष यादव

Views: 945

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on September 11, 2020 at 4:16pm

आदरणीय श्री विजय निकोरे जी प्रणाम, सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद। 

Comment by आशीष यादव on September 11, 2020 at 4:13pm

आदरणीय श्री सौरभ पांडेय सर प्रणाम, इस सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद

Comment by vijay nikore on January 7, 2020 at 3:01pm

रचना अच्छी लगी। बधाई, मित्र आशीष जी।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 7, 2020 at 7:11am

शुभकारी भावोद्गार के लिए साधुवाद. नववर्ष की अशेष शुभकामनाएँ

Comment by आशीष यादव on January 7, 2020 at 6:36am

आदरणीय श्री Samar kabeer जी उत्साह वर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by Samar kabeer on January 3, 2020 at 5:29pm

जनाब आशीष यादव जी आदाब,अच्छी रचना हुई,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by आशीष यादव on January 2, 2020 at 9:51pm

आदरणीय श्री रेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी रचना को मान देने के लिए धन्यवाद। कृपा दृष्टिबनी रहे और आप लोगों का आशिर्वाद मिलता रहे।

Comment by आशीष यादव on January 2, 2020 at 9:47pm

आदरणीय श्री लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी सराहना हेतु धन्यवाद। ऐसे ही नेह बनाए रखिए।

Comment by आशीष यादव on January 2, 2020 at 9:44pm

आदरणीया Dr. Geeta Chaudhary जी उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद। 

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2020 at 9:18pm

आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। नववर्ष पर एक बेहतरीन रचना से परिचय कराया आपने।। बहुत बहुत बधाई आपको। सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"स्वागतम्"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"अनुज बृजेश , आपका चुनाव अच्छा है , वैसे चुनने का अधिकार  तुम्हारा ही है , फिर भी आपके चुनाव से…"
18 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"एक अँधेरा लाख सितारे एक निराशा लाख सहारे....इंदीवर साहब का लिखा हुआ ये गीत मेरा पसंदीदा है...और…"
18 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"//मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक अलग तह बन के रहती है// मगर.. मलाई अपने आप कभी दूध से अलग नहीं होती, जैसे…"
21 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय जज़्बातों से लबरेज़ अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। मतले पर अच्छी चर्चा हो रही…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 179 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"बिरह में किस को बताएं उदास हैं कितने किसे जगा के सुनाएं उदास हैं कितने सादर "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"सादर नमन सर "
yesterday
Mayank Kumar Dwivedi updated their profile
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब.दूध और मलाई दिखने को साथ दीखते हैं लेकिन मलाई हमेशा दूध से ऊपर एक…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय, बृजेश कुमार 'ब्रज' जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service