एक नेता ने दूसरे को धोया ,
बदले में उसने उसे धो दिया।
छवि दोनों की साफ़ हो गई।।.......1.
मातृ-भाषा हिंदी दिवस ,
एक उत्सव हम ऐसा मनाते हैं ,
जिसमें हम हिंदी बोलने वालों से
उनकीं माँ का परिचय कराते हैं।। .......2 .
अपनों से हट के कभी
दूर के लोगों से भी मिला करो ,
वो कुछ देगा नहीं ... ,
हाँ ,धोखा भी नहीं देगा।l ....... 3 .
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय सुश्री उषा जी , क्षणिकाएं आपको पसंद आईं , अच्छा लगा। आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज जी , आपका बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय विजय शंकर सर, आपकी क्षणिकाएँ गहरे भाव लिये अति प्रभावी हुई हैं, बधाई स्वीकार करें। सादर।
वाह डा.साहब बहुत ही सारगर्भित रचना...
आदरणीय विजय निकोर जी , बहुत अच्छा लगा रचना पर आपकी उपस्तिति से, आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपकी सादर उपस्थिति एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार। आपके सुझाव के लिए भी आभार , वह निसंदेह स्वीकार है , धन्यवाद , सादर।
आनन्द आ गया आपकी अच्छी सोच से। बधाई , मित्र विजय शंकर जी।
आली जनाब डॉ. विजय शंकर जी आदाब, बहुत समय बाद मुझे आपकी
रचना पढ़ने का मौक़ा मिला है ।
तंज़ की वही धार है आपकी क्षणिकाओं में जो मुझे बहुत प्रभावित करती है,बहुत उम्द: क्षणिकाएँ हुई हैं,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
'मातृ-भाषा हिंदी दिवस ,
एक उत्सव हम ऐसा मनाते हैं ,
जिसमें हम हिंदी बोलने वालों से
उनकीं माँ का परिचय कराते हैं।।'
ये क्षणिका ख़ास तौर से पसंद आई ।
'अपनों से हट के कभी
दूर के लोगों से भी मिला करो ,
वो कुछ देगा नहीं ... ,
हाँ ,धोखा भी नहीं देगा'
इस क्षणिका की अंतिम दो पंक्तियों को इस तरह लिखना उचित होगा:-
"वो कुछ देंगे नहीं...,
हाँ, धोखा भी नहीं देंगे ।।......."
एक बात ये कि 'हिंदी' की जगह "हिन्दी" लिखना उचित होगा ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online