For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

क्या सोचते हैं हम — डॉo विजय शंकर

सोचता हूँ ,
अब तो यह भी सोचना पड़ेगा
कि कैसे सोचते हैं हम ?
कितनी सीमाओं में सोचते हैं हम ?
या किस सीमा तक सोचते हैं हम ?
कुछ सोचते भी हैं हम ?
अगर नहीं तो क्यों नहीं सोचते हैं हम ?
सच तो यह है कि ' बिना विचारे जो करे ' .....
भी नहीं सोचते हैं हम।
खुद में गज़ब का विश्वास रखते है हम ?
बस सोचने में क्रियाशील रहते हैं हम ,
जितनी तेजी से आगे जाते हैं
उतनी हे तेजी से लौट आते हैं।
नतीज़तन वहीं के वहीं रह जाते हैं हम।
दावा करते हैं , चलते रहते हम ,
लगातार चलते रहते हैं हम।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 454

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 28, 2019 at 9:09pm

आभार एवं धन्यवाद , आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी , सादर।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 28, 2019 at 5:51pm

बहुत ही बढ़िया कविता हुई आदरणीय

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 27, 2019 at 7:33am

आदरणीय लक्षमण धामी जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं बधाई के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 26, 2019 at 11:54am

आ. भाई विजय जी, सुंदर प्रस्तुति हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2019 at 7:43pm

आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपकी प्रतिक्रिया सदैव उत्साह वर्धक होती है , मुझे सदैव यही लगता है कि हर बात में key word एक या दो ही होते हैं , उसी में सम्पूर्ण दर्शन निहित होता है , वैसा ही प्रयास करता हूँ , मनीषी और विद्वान लोग पकड़ लेते हैं , सौभाग्य है। आपका ह्रदय से आभार , बधाई के लिए धन्यवाद , सादर।

Comment by Samar kabeer on September 25, 2019 at 8:13am

आली जनाब डॉ. विजय शंकर जी आदाब, बहुत उम्द:,एक शब्द को बुनियाद बनाकर बहुत ख़ूब कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
3 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
8 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
9 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
10 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
12 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
12 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
15 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"प्रवृत्तियॉं (लघुकथा): "इससे पहले कि ये मुझे मार डालें, मुझे अपने पास बुला लो!" एक युवा…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"स्वागतम"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service