For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अचानक याद आया --- डॉo विजय शंकर

कहते हैं गुलाब के साथ
कांटे जरूर होते हैं ,
पर कुदरत ने जीता जागता एक गुलाब ,
ऐसा भी बनाया है कि बनाने वाले की माया
कोई समझ नहीं पाया है,
उसको काँटों से बिलकुल मुक्त बनाया है,
इसे कुदरत की मेहरबानी कहें या नाइंसाफी ,
जो जिंदगी देती हैं उसकी ही जिंदगी को
इस कदर कमजोर बनाया है,
हद हो गयी आदमी ने इसी का
हर तरह से बस फायदा ही उठाया है ,
मर्द होने की अपनी जिम्मेदारियों को
बस यह कह कर निभा दिया है ,
कि हमने मेमने को बता दिया ,
घर में रहो , बाहर निकलो ही क्यों ,
कपड़े कैसे पहनो,पढ़ो क्यों, बोलो क्यों ,
छुप जाओ , छुप जाओ, छुप जाओ ,
कभी कहीं , घर में या बाहर,
भेड़िये मिलें और झपट ही पड़े तो
भेड़ियों को हरा देने को बता दिया है ,
हमने मेमने को ये बता दिया ,
हमने उसे वो बता दिया ,
हमने उसे भेड़िये से खुद को
बचा लेने को बता दिया ,
हमने उसे जान बचा लेने का हक़ दिया है,
हमने उसे ये भी बता दिया है।

मौलिक एवं अप्रकाशित
एवं सामयिक।

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 5, 2015 at 9:29pm

हमने उसे जान बचा लेने का हक़ दिया है,
हमने उसे ये भी बता दिया है।.....बहुत सार्थक ,सन्देशप्रद प्रस्तुति है सर , हार्दिक बधाई सादर ! 

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 5, 2015 at 9:14pm
बस पिछले दो दिन से निर्भया प्रकरण पर फिर जो हल्ला मचा है, उसी पर लिख दिया, एक समर्पण है. आदरणीय गोपाल नारायण जी, आप समय को देखते हैं, परिवेश को पहचान लेते हैं, समर्पण का भाव रखते हैं, आपका बहुत बहुत आभार एवं ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 5, 2015 at 9:02pm
आदरणीय श्याम नारायण जी, आपका बहुत बहुत आभार, एवं ह्रदय से धन्यवाद , सादर।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 5, 2015 at 8:49pm

आ० विजय सर !

गुलाब के माध्यम से कितनी गहरी बात कह दी आपने ---- अति सुन्दर i

Comment by Shyam Narain Verma on March 5, 2015 at 4:42pm
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
17 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
48 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
48 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
49 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। उत्तम छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service