For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोस्ती का हक़ ( लघु- कथा ) -- डॉo विजय शंकर

रवि का फोन था , देखते ही उस में उत्साह सा आ गया , औपचारिक अभिवादन के बाद धन्यवाद देते हुए बोला , " हाँ , और थैंक्स , तूने बहुत ही अच्छी टिप्पणी लिखी मेरे लेख पर , वर्ना अधिकतर तो लोग बस खींच - तान में ही लगे रहते हैं , तुझे वाकई में मेरे तर्क सही लगे ? "
" ओह ! वो पिछले हफ्ते वाला , वो यार , मैंने पूरा पढ़ा तो नहीं था , पर अब तेरा नाम देखा तो इतना तो लिखना ही था , आखिर दोस्ती का कुछ तो हक़ होता ही है न ?"
जितने उत्साह से उसने फोन उठाया था वो धीरे धीरे ठंडा होकर एक गहरी निराशा में विलीन हो गया।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 911

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 12, 2016 at 3:49am
आदरणीय डॉo आशुतोष मिश्रा जी , लघु-कथा को स्वीकृति प्रदान करने और बधाई क लिए ह्रदय से आभार एवं दगनयवाद , सादर।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 11, 2016 at 1:26pm

आदरणीय विजय सर ..यथार्थ का बखूबी चित्रण किया है आपने ..इस लघु कथा के लिए ह्रदय से बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 9, 2016 at 8:43pm
आदरणीय सौरभ पांडेय जी , रचना पर आपकी उपस्थिति एवं उसे स्वीकार कर पहचान देने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद ,सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 9, 2016 at 8:38pm
सत्य से साक्षात्कार सत्य में विश्वास बढ़ाता है , सत्य सदैव सरल ही होता है ,हम ही उसे जाने-अनजाने जटिल मान लेते हैं।
सरल और सहज बोली गई बात उतनी ही आसानी से समझ में भी आती है।
रचना पर आपकी उपस्थिति एवं उसे स्वीकार करने के लिए आपका आभार एवं धन्यवाद , आदरणीय सुश्री राहिला जी ,सादर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 9, 2016 at 1:49pm

आम जीवन से लिए गये तथ्य जब शाब्दिक होते हैं तो ऐसी ही प्रस्तुतियाँ समक्ष होती हैं. आपकी संवेदनशीलता के प्रति हार्दिक शुभकामनाएँ, आदरणीय विजय शंकर जी. साथ ही, एक अच्छी प्रस्तुति केलिए हार्दिक धन्यवाद 

Comment by Rahila on June 9, 2016 at 11:00am
क्या बेहतरीन तरीके से सच उजागर कर दिया आपने । ऐसे ही एक बार एक पाठक ने जल्दी पढ़ने के चक्कर में मेरी एक रचना का अर्थ, अनर्थ कर दिया बाद में पूछती है कि वो रचना कुछ समझ नहीं आई । तो ऐसा होता है । बहुत बधाई आदरणीय सर जी! इस शानदार, सरल लेखन के लिये । सादर प्रणाम
Comment by Dr. Vijai Shanker on June 9, 2016 at 8:28am
आदरणीय सुशील सरना जी , रचना पर आपकी सादर उपस्थिति एवं उसे मान देने के लिए आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद, सादर।
Comment by Sushil Sarna on June 8, 2016 at 7:58pm

एक सच जिसे अपने बेखौफ अपनी लघु कथा में समाहित किया है। इस प्रस्तुति के लिए दिल से बधाई आदरणीय सर। 

Comment by Dr. Vijai Shanker on June 8, 2016 at 9:23am
आदरणीय सुश्री प्रतिभा पांडेय जी , रचना को यथोचित मान देने के लिए आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by pratibha pande on June 8, 2016 at 8:21am

आभासी दुनिया में ऐसे सच्चे मित्रों की कोई कमी नहीं ,आपकी ये रचना  आईना दिखा रही है ..हम सभी को   हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय ...सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service