For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अनवरत संघर्ष ( लघु-कथा ) - डॉo विजय शंकर

ऋग्वेद से लेकर पुराणोँ तक में देव-दानवों के युद्ध के वर्णन मिलते हैं। दानवों से त्रस्त देवता प्रायः ब्रह्मा के पास मार्ग- दर्शन , सहायता और सहयोग के लिए जाते हुए चित्रित मिलते हैं। युद्ध और युद्ध में शस्त्र की महत्ता को स्वीकार करते हुये देवता दधीच ऋषि के पास भी जाते हुए दर्शाये गए हैं। देवता विजयी भी होते थे पर न दानव समाप्त हुए न देवता अकेले रह कर सदैव के लिए अपना वर्चस्व ही स्थापित कर पाये। वास्तव में ये दोनों अच्छाई और बुराई के प्रतीक के रूप में देखें जाएँ तो स्थिति अधिक स्पष्ट होती नज़र आती है। न कोई अच्छाई समाप्त होती है न कोई बुराई। पर कोई बुराई भी कभी इतनी शक्तिशाली नहीं हुयी की दुनियाँ से अच्छाई को ही मिटा दे। विश्व में अभी तक कोई भी व्यक्ति इतना शक्तिशाली नहीं हुआ कि सारी दुनियाँ जीत ले या सारी दुनियाँ के लिए मुसीबत बन जाए। टॉमस हाॅब्स भी याद आ रहे जो यह कह गए कि दुनियाँ में इतना कमजोर भी कोई नहीं होता कि किसी एक के लिए मुसीबत न बन जाए। अच्छाई - बुराई का सह-अस्तित्व भी प्रकृति की एक सच्चाई है।
शक्ति भी विलक्षण होती है। कभी न मिटने वाली , सिर्फ रूप बदलने वाली। प्रकृति समस्त शक्तियों का स्रोत है। ...... और समस्त शक्तियां अपने एक स्वरुप में जीवन दायिनी हैं तो अपने ही दूसरे स्वरुप में जीवन को हरने वाली है या जीवन का स्वरूप बदलने वाली। जैसे , जल बहता रहे तो जीवन देने वाला आश्यक पेय है , बंद, रुका या बंधा रह जाए तो सड़ जाता है , पेय रूप में जीवन - दायिनी नहीं रह जाता है पर फिर भी जीवन दायिनी तो रहता ही है , उसमें तमाम कीड़े पड़ जाते हैं , नव - जीवन जन्म लेता है , जिसकी विभिन्न शक्तियों को हो सकता हैं हम न जानते हों पर उसकी हमें क्षति पहुँचाने वाली शक्ति , जो मारक भी हो सकती है , को हम अवश्य जानते हैं। शायद शक्ति का यह सिद्धांत सर्वत्र किसी न किसी रूप में लागू होता है। बस शक्ति को हम अपने सर्वाधिक हित में प्रयोग करना जानते हैं या नहीं यह हमारी अपनी समस्या / क्षमता है। विज्ञान भी यही कहता है , एक शक्ति जो अपने एक रूप में मारक है अपने थोड़े से परवर्तित स्वरुप में जीवन के लिए बहुत लाभ-दायक बन जाती है। साहित्य में देखें तो इसी बात को अनेक विद्वानों ने कहा है कि जिस शक्ति को हम एक दूसरे से नफरत करने में लगा देते हैं उसी को हम नफरत के बजाय प्रेम में लगायें तो कितना कल्याणकारी हो। पर कुछ इतर-ज्ञानी दूसरों से छीन कर पाने या दूसरों को मिटा कर सुख-सम्पन्नता पाने में ही यकीन करते हैं। रहीम भी याद आ रहे हैं , वै डोलत रस आपने .....
यह भी उल्लेखनीय है कि दुनियाँ में तमाम लोग ऐसे भी हुए जिन्होंने संसार में संसाधनों की खोज की , उनकीं उर्वरा शक्ति को संवर्धित किया और लोगों को उसे उपलब्ध कराया वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग भी हुए , जिन्होंने दूसरों की सम्पदा और उपलब्धियों पर कब्जा कर लेना ही जीवन जीने का तरीका समझा।
सत्य यही है कि दुनियाँ में अच्छाई - बुराई सदैव से रही है , शक्ति एवं संसाधनों के प्रयोग को लेकर दुनियाँ में दोनों पक्षों के लोग सदैव संघर्ष की अवस्था में रहे। तीनों का अस्तित्व बना हुआ है।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 613

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on February 4, 2016 at 6:02pm
ज्ञानवर्धक दार्शनिक लेख के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय सर।
इसके शीर्षक में लघुकथा नाम देना अनुचित ही लग रहा है।सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on February 4, 2016 at 3:38am
प्रिय मिथिलेश वामनकर जी , हार्दिक आभार एवं धन्यवाद , सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 4, 2016 at 12:15am

आदरणीय विजय शंकर सर, इस गहन वैचारिक प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई 

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 3, 2016 at 10:37pm
आदरणीय डॉo सुश्री प्राची सिंह जी , एक लम्बे अंतराल के बाद किसी प्रकरण पर आपकी प्रतिक्रिया बड़ी सुखद लगी। लेख को स्वीकृति प्रदान करने के लिए आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद।
आपके द्वारा इंगित प्रश्न मेरे सामने भी आया था पर ओ बी ओ पर अनुमन्य टैग यही उपलब्ध था , विवशता। वैसे मैं इस प्रकार का निवेदन पहले भी मैं कर चुका हूँ कि ओ बी ओ को अपने टैग बढ़ाने चाहिए , जैसे - बोथ - कथायें , लोक - कथाएं , प्रेरक - प्रसंग , सांस्कृतिक - लेख इत्यादि , इत्यादि। अनुरोध है आप विचार करना चाहेंगीं। मंच को व्यापकता मिलेगी।
प्रसंगतः यह भी उल्लेखनीय है। कथा , चाहे लघु ही क्यों न हो उसका क्षेत्र बहुत व्यापक होता है , इतिहास में अनेक प्रसंग भरे पड़े हैं जिन्हें " कहानी " / " कथा " में हैं वर्गीकृत किया गया है। यद्यपि वे साहित्य की सीमित परिभाषा में नहीं आते हैं। पत्रकारिता में हर प्रसंग ( न्यूज़ ) को स्टोरी कहते हैं।

सादर।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 3, 2016 at 3:45pm

आदरणीय डॉ० विजय शंकर जी अच्छाई बुराई के अनवरत सहस्तित्व पर आपका यह आलेख बहुत सार्थक हुआ है, जिसके लिए हार्दिक बधाई
लेकिन ये प्रस्तुति लघुकथा तो कदापि नहीं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले ग़ौर…"
51 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ ,बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियाँ क़ाबिले…"
54 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए और बेहतर सुझाव के लिए सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन जी बहुत शुक्रिया हौसला अफ़ज़ाई के लिए आपका मक़्त के में सुधार की कोशिश करती हूं सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी बेहतर इस्लाह ऑयर हौसला अफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया आपका सुधार करती हूँ सादर"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी और अमीर जी के सुझाव क़ाबिले…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत ही लाज़वाब ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये है शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ ,गिरह भी…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी आदाब, और प्रस्तुति तक पहुँचने के लिए आपका आपका आभारी हूँ। "बेवफ़ा है वो तो…"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय मुसाफिर जी नमस्कार । भावपूर्ण ग़ज़ल हेतु बधाई। इस्लाह भी गुणीजनों की ख़ूब हुई है। "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा यादव जी नमस्कार । ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु बधाई।"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ। तेरे चेहरे पे शर्म सा क्या…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service