For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिस दम सूरज ढल जाएगा - SALIM RAZA REWA

22 22 22 22 -
जिस दम सूरज ढल जाएगा
रात  का  जादू  चल जाएगा
-
सँभल के चलना सीख लें वर्ना
कोई  तुझको  छल  जाएगा
-
दुनिया  का  दस्तूर  यही है
आज जो है वो कल जाएगा
-
बचपन  के दिन याद आएँगे
जिस्म जवां जब ढल जाएगा
-
ग़म  से  यारी करना सीखो
वक़्त बुरा  भी  टल जाएगा
-
अँगारे  मत   बोना   घर  में
घर आँगन सब जल जाएगा
-
 मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 579

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on October 3, 2017 at 7:12pm
आदरणीय अरुन शर्मा 'अनन्त जी,
ग़ज़ल में आपकी मुहब्बत के लिए शुक्रिया
Comment by SALIM RAZA REWA on October 3, 2017 at 7:10pm
जनाब राम शिरोमणि जी,
पुरानी ग़ज़ल में आपकी नज़रे इनायत के लिए शुक्रिया,
Comment by SALIM RAZA REWA on September 6, 2017 at 7:54am

आदरणीय सौरभ जी,
आपकी मुहब्बत और बधाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया ,आप सभी चाहने वालों के लिए एक शेर नज़्र हैं ,

जो औरों  के  खुशिओं  में खुश होते हैं !!
उनका भी घर खुशिओं से भर दे मौला !!

Comment by SALIM RAZA REWA on September 6, 2017 at 7:48am

आदरणीय गणेश जी,

आपकी मुहब्बत और दाद की लिए बहुत बहुत शुक्रिया ,आप यूँ ही अपनी नज़रे इनायत बनाए रखें ,


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 4, 2013 at 9:04pm

सभी अशआर अच्छे हैं, अंतिम शेर बहुत ही बढ़िया लगा, कुल मिलाकर प्रस्तुत ग़ज़ल दाद के काबिल है, दाद कुबूल करें आदरणीय सलीम साहब |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2013 at 7:54pm

भाई सलीमरज़ा साहब, एक अच्छी ग़ज़ल के लिए शुक्रिया. बहुत खूब !

इस शेर पर विशेष बधाई कह रहा हूँ -

अँगारे मत बोना घर में !
घर आँगन सब जल जाएगा !!

शुक्रिया..

Comment by अरुन 'अनन्त' on February 4, 2013 at 11:31am

वाह भाई सलीम रजा साहब बेहद लाजवाब ग़ज़ल कही है, दिली दाद कुबूलें. सादर

Comment by विजय मिश्र on February 4, 2013 at 11:17am

बहुत सुगम और सरल प्रवाह लिए सीधी सी मगर काम की बात और प्यारी सी नसीहत . मुबारक हो सलीम भाई .

Comment by ram shiromani pathak on February 4, 2013 at 11:15am
सम्हल के चलना सीखो वर्ना!

तू दुनिया में छल जाएगा !!

ग़म  से  यारी करना सीखो !

वक़्त बुरा सब टल जाएगा !!

सुन्दर रचना सर जी बधाई स्वीकारें............ 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service