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ग़ज़ल -- मोतिओं की तरह जगमगाते रहो --सलीम रज़ा रीवा

फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन 

212 // 212 // 212 // 212

मोतिओं की तरह जगमगाते रहो 
बुलबुलों की तरह चहचहाते रहो
 
जब तलक आसमां में सितारें रहे 
ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते रहो 
 
इन फ़िज़ाओं में मस्ती सी छा जाएगी 
अपनी ज़ुल्फ़ों की ख़ुश्बू उड़ाते रहो 
 
हम भी तो आपके जां निसारों में है 
क़िस्सा ए  दिल हमें भी सुनाते रहो
 
 देखना रोशनी कम न   होवे कहीं
इन चराग़ों की लौ को बढ़ाते रहो 
 
इतनी खुशियां मिले ज़िंदगी में तुझे 
दोनों हांथों से सब को लुटाते रहो
 
रंगे गुल रुख़ पे हर दम नुमाया रहे  

जब निगांहे मिले मुस्कुराते रहो 

09424336644--सलीम रज़ा रीवा

मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by SALIM RAZA REWA on September 26, 2017 at 9:04am
आली जनाब समर साहब,
इस ग़ज़ल में आपकी नज़रे इनायत चाहता हूँ
Comment by SALIM RAZA REWA on September 12, 2017 at 6:01pm
आदरणीय गिरिराज जी ग़ज़ल पसंद करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया,तुझे को तुम्हें पढ़ने की मेहरबानी करें, वक़्त लगते ही सुधार लिया जाएगा,
Comment by SALIM RAZA REWA on September 12, 2017 at 5:59pm
भाई अरुण शर्मा जी बहुत बहुत शुक्रिया,

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 14, 2014 at 10:10am

आदरणीय सलीम भाई , खूब सूरत गज़ल के लिये आपको दिली बधाइयाँ । छठवें शे र के उला मे आपने तुझे शब्द लिया है , जिसके साथ सानी मे लुटाते रहो , मुझे कुछ ठीक नही लग रहा है , एक बार सोच लीजियेगा ॥

Comment by अरुन 'अनन्त' on May 12, 2014 at 1:50pm

आदरणीय सलीम रजा साहिब सुन्दर ग़ज़ल खूबसूरत अशआर कहे हैं आपने, आपने एक शेअर में होवे शब्द का इस्तेमाल किया है जो मुझे थोडा अटपटा लगा. खैर इस ग़ज़ल पर दाद हाजिर है कुबूल फरमाएं.

Comment by SALIM RAZA REWA on May 10, 2014 at 10:59pm

adarniya  gumnaam pithoragarhi sahab dili shukkriya ...

Comment by SALIM RAZA REWA on May 10, 2014 at 10:58pm

aali janab नादिर ख़ान  sahab aapki nzren inayat ke lie shukriya ..

Comment by gumnaam pithoragarhi on May 10, 2014 at 5:46pm
बहुत खूब,,,,,, साहब खुबसूरत ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई /
Comment by नादिर ख़ान on May 9, 2014 at 11:38pm

जनाब सलीम साहब, बहुत उम्दा गज़ल, कमाल की रवानगी है अशआर में ...

दिल में आता है बस गुनगुनाते रहो ।

Comment by SALIM RAZA REWA on May 9, 2014 at 10:01pm

mukesh verma ji aapka bahut bahut shukriya........

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