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चॉकलेट बार (लघुकथा)

चॉकलेट बार
12 अप्रेल , 2015 
आज अम्मा जी पंचतत्व में विलीन हो गई ।
माली के बेटे पुनीत का स्कूल में दाखिला कराया आज से उसकी रुकी हुई पढ़ाई लिखाई का सारा जिम्मा मेरा
मेरी श्रद्धांजलि अम्मा जी को।
25 मई, 2018
आज पुनीत का दसवीं बोर्ड का परिणाम आया प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण 
पुनीत में वही लगन दिखती है ,जो शायद मुझमे आपने देखी थी अम्मा जी ,जो मैं भी न जानता था और अगर आप न होती तब यह होता भी नही शायद...
मई 29 ,2020
आज पुनीत ने बारहवीं बोर्ड में पूरे जिले में 10 स्थान पाया ।
आज आपकी बहुत याद आरही अम्माजी
दीदी ,हाँ दीदी ही तो पुकारता था मैं भी आपको और आपने हंसते हुए मेरे गालों को थपकाते हुए उस दिन कहा था ,"तेरी माँ के लिए दीदी हूँ ,तू क्यों दीदी कहता है, तेरी तो अम्मा जैसी हूँ " और आपके इस स्नेह से मेरे हृदय मे आपका आदर कई गुना बढ़ गया।
 उस दिन से हीआप मेरे लिए "अम्माजी" हो गई ।आपने मेरा दाखिला सरकारी स्कूल में कराया न होता तो ज़िंदगी माइ के साथ उन तमाम घरों में भटकते भटकते ही बीत जाती जहां जहा वो काम किया करती । 
बाकी घरों में मैं माई के निर्देशानुसार एक कोने में दुबका रहता, आपका घर था जहां बड़े अधिकार से रहता।
   उस दिन जब आपने मेरे हफ्ते भर अच्छी तरह पढ़ने पर एक पूरी साबुत चॉकलेट बार दी तब मैं बिल्कुल नही सोच पाया था कि ये क्षण मेरा जीवन बदल देगा , मैं पढता गया पढ़ता गया और अव्वल आने पर एक पूरा डब्बा जिसमे पूरी पच्चीस  नीली पीली चमकती पन्नियों वाली बड़ी बड़ी चॉकलेट थी आपने उपहार में दिया और एक  बात कही "देख गोपाल मेहनत से तू वो पा सकता है जो चाहता है "
 आपके इस जीवन मंत्र के बल पर माई का गोपू  आई ए एस गोपाल यादव हो गया है। जीवन की हर छोटी बड़ी सफलता का श्रेय आपको जाता है अम्माजी ।
 मेरा प्रण है , मेरे जीवन आने वाले हर गोपाल को आपकी तरह चॉकलेट देता रहूंगा।

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Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:56pm
लक्ष्मण धामी जी बहुत आभार।
Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:55pm
कबीर साहब,नमस्कार, उत्साह बढ़ाने के लिए धन्यवाद, टंकण त्रुटियाँ सुधारने का प्रयास करूंगी और नियमानुसार मौलिक व अप्रकाशित लिखने का ध्यान रखूंगी अगली बार,
से उत्साह वर्धक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार।
Comment by Deepalee Thakur on October 14, 2020 at 3:51pm
आ.जवाहर लाल सिंह जी,लघुकथा पढ़ उस पर टिप्पणी करने के लिए बहुत आभार।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 14, 2020 at 7:43am

आ. दीपाली जी, अभिवादन । सुन्दर लघुकथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on October 13, 2020 at 8:47pm

मुहतरमा दीपाली जी आदाब, लघुकथा का अच्छा प्रयास है,बधाई स्वीकार करें ।

कुछ टंकण त्रुटियाँ दुरुस्त कर लें ।

और हाँ, आपने मंच के नियमानुसार रचना के नीचे मौलिक व अप्रकाशित नहीं लिखा?

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on October 10, 2020 at 2:21pm

आदरणीया दीपाली जी, वास्तव में ऐसे प्रोत्साहन की जरूरत है. आवश्यक प्रोत्साहन और देख रेख के अभाव में अनेकों बच्चे अपने लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर पाते! बधाई स्वीकारें 

Comment by Deepalee Thakur on October 7, 2020 at 2:40pm

 लघुकथा पर समय देने और उत्साह वर्धक टिप्पणी के लिए बहुत आभार तेजवीर सिंह जी

Comment by TEJ VEER SINGH on October 7, 2020 at 11:07am

हार्दिक बधाई आदरणीय दीपाली जी।बेहतरीन संदेश प्रद लघुकथा।समाज में ऐसी ही जागरूकता की आवश्यकता है।

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