For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाने क्या लोग कर गए होंगे.......( ग़ज़ल :- सालिक गणवीर)

2122-1212-22/112

जाने क्या लोग कर गए होंगे
जी रहे हैं या मर गए होंगे (1)

वो भरी दोपहर गए होंगे
पाँव छालों से भर गए होंगे (2)

लड़कियाँ माँ की तर्ह सीधी हैं
लड़के तो बाप पर गए होंगे (3)

ख़ौफ़ होता है देख कर जिनको
आइना देख डर गए होंगे (4)

टेढ़े-मेढ़े जलेबी जैसे लोग
है ये मुमकिन सुधर गए होंगे (5)

दफ़्न माज़ी को जब किया होगा
याद के गड्ढे भर गए होंगे (6)

हमको जिन पर नहीं भरोसा वो
आप लोगों के मोतबर होंगे (7)

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 492

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on October 28, 2021 at 8:44pm

जनाब सालिक गणवीर जी आदाब, ये ग़ज़ल क़ाफ़िया पैमाई के सिवा कुछ नहीं, इसे ख़ारिज करें ।

Comment by सालिक गणवीर on October 28, 2021 at 8:43pm

आदरणीय  Nilesh Shevgaonka  साहिब
आदाब
ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सराहना के लिए आपका शुक्रग़ुज़ार हूँ

मतला यूँ पढ़ा जाये जनाब
सर झुका कर जो घर गए होंगे
लोग जीते जी मर गए होंगे

Comment by सालिक गणवीर on October 28, 2021 at 8:43pm

आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर'  साहिब
आदाब
ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सराहना के लिए आपका शुक्रग़ुज़ार हूँ

मतला यूँ पढ़ा जाये जनाब
सर झुका कर जो घर गए होंगे
लोग जीते जी मर गए होंगे

Comment by सालिक गणवीर on October 28, 2021 at 6:34pm

आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर'  साहिब
आदाब
ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सराहना के लिए आपका शुक्रग़ुज़ार हूँ

मतला यूँ पढ़ा जाये जनाब
सर झुका कर जो घर गए होंगे
लोग जीते जी मर गए होंगे

Comment by Nilesh Shevgaonkar on October 27, 2021 at 7:37am

आ. सालिक जी,
अच्छी ग़ज़ल हुई है. 
मतला काम मांग रहा है .
ग़ज़ल के लिए बधाई 

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on October 26, 2021 at 9:54am

आदरणीय सालिक गणवीर जी आदाब, ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें।

मतले पर जनाब चेतन प्रकाश जी से सहमत हूँ, यही बात मतला-ए-सानी पर भी लागू होती है। शेष शुभ शुभ।  सादर।

Comment by सालिक गणवीर on October 24, 2021 at 7:36pm

आदरणीय  Chetan Prakash साहिब
आदाब
ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सराहना के लिए आपका शुक्रग़ुज़ार हूँ

Comment by Chetan Prakash on October 24, 2021 at 4:27pm

 आदाब भाई सालिक गणवीर  जी, अच्छी छोटी बह्र की ग़ज़ल हुई है, बधाई  ! मतला देखिएगा, दोमुंहा लगता है! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service