For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

करूँ किस मुख से...

रहमत तेरी,ग़ुरबत तेरी.

करुणा निधान माया तेरी.

करूं गुणगान किस मुख से

कैसे करूँ बखान हस्ती तेरी... 

मै नादान, माया तेरी

समझ न पाई छाया तेरी

कण कण तू, ज़र्रे ज़र्रे तू 

है पत्ते पत्ते झांकी तेरी...

भवरा भी तू,और  फूल भी 

जीवन बगिया महकी मेरी 

कर नूर तेरे की बारिश से 

तर अंतरात्मा कर दी मेरी....

घट घट वासी अविनाशी भी तू

राजा भी तू और रंक भी तू

महिमा तेरी न जाये बखानी

पालक भी तू संघारक भी तू .. 

Views: 682

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Aarti Sharma on February 17, 2013 at 7:17pm

बिलकुल ठीक कहा आपने ब्रिजेश सर...आशीर्वाद की जरुरत तो ताउम्र रहेगी..आपका तहेदिल से शुक्रिया. 

Comment by बृजेश नीरज on February 17, 2013 at 3:55pm

शिव और शक्ति की आराधना में यदि विघ्नहर्ता और कार्तिकेय का आर्शीवाद प्राप्त हो जाए तो कलम निर्विघ्न प्रवाह में बहती है।

Comment by Aarti Sharma on February 16, 2013 at 5:19pm

नमस्ते प्राची जी ..सराहना हेतु सादर धन्यवाद ..

Comment by Aarti Sharma on February 16, 2013 at 5:16pm

प्रणाम विजय भाई ..होस्लाफ्ज़ाही के लिए तहेदिल से शुक्रिया ...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on February 16, 2013 at 5:07pm

सुन्दर भक्ति भाव आरती जी 

Comment by vijay nikore on February 16, 2013 at 3:53pm

आदरणीया आरती जी:

 

भगवान के प्रति लिखे आपके स्तुति-भाव अच्छे लगे।

बधाई।

 

सादर,

विजय निकोर 

Comment by Aarti Sharma on February 16, 2013 at 3:42pm

जी सर में  और प्रयास करुँगी...आपको भी  बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई सर... 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 16, 2013 at 12:11pm

रचना और समय की मांग कर रही थी , बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई ।

Comment by Aarti Sharma on February 15, 2013 at 7:13pm

आपका तहेदिल से धन्वाद लक्ष्मण सर.आपको भी बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें ..

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 15, 2013 at 7:04pm

सुन्दर रचना की लिए बधाई, बसंत पंचमी की शुभ कामनाए 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
15 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service