For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आईना बन के कभी सामने आया न करो - बैजनाथ शर्मा 'मिंटू'

212 2112 2112 222

प्यार में तुम मेरे ऐवों को दिखाया न करो|

आईना बन के कभी सामने आया न करो|

 

फ़ितनागर लोग ज़माने में बहुत देखें हैं,

हर किसी को कभी अब दोस्त बनाया न करो|

 

जाग उठाते हैं मेरे मन में सवालात कई,

हर किसी दर पे कभी सर को झुकाया न करो|

 जिनकी ताबीर न मुमकिन हो कभी जीवन में,

ऐसे सपने कभी आँखों में सजाया न करो|

 

एक दिन देखना छिड़केंगे नमक ज़ख्मों पर,

ज़ख्म अपने कभी अपनों को दिखाया न करो|

 

जान दे देंगे कभी ‘मिंटू’ तेरी यादों में,

ख़्वाब झूठे मुझे भूले से दिखाया न करो|

 

मौलिक व अप्रकाशित

बैजनाथ शर्मा ‘मिंटू’

Views: 700

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 2, 2016 at 7:02pm

आदरणीय गिरिराज साहेब ..................हौसला अफजाई के लिए शुक्रगुजार हूँ आपका 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 2, 2016 at 6:23pm

आदरणीय बैज नाथ भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ आपको ।

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 2, 2016 at 5:17pm

आदरणीया कल्पना जी .........................बहुत बहुत शुक्रिया आपका 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 2, 2016 at 5:16pm

आदरणीया कांता जी ......................ममनून हूँ आपका 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on June 2, 2016 at 3:36pm

बहुत सुंदर रचना | बधाई आदरणीय बैजनाथ जी |

Comment by kanta roy on June 2, 2016 at 11:22am
एक दिन देखना छिड़केंगे नमक ज़ख्मों पर,
ज़ख्म अपने कभी अपनों को दिखाया न करो|.... वाह ! बहुत गहरी बात कही है आपने आदरणीय बैजनाथ जी । बधाई स्वीकार करें ।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 1, 2016 at 5:38pm

आदरणीय समर साहेब ...............हौसला अफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on June 1, 2016 at 5:37pm

आदरणीय श्याम वर्मा साहेब ................ममनून हूँ आपका 

Comment by Samar kabeer on June 1, 2016 at 12:38pm
जनाब बैजनाथ शर्मा'मिंटू'जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।
Comment by Shyam Narain Verma on May 31, 2016 at 5:30pm
बहुत ही सुन्दर ,  हार्दिक बधाई आपको …………..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service