For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िन्दगी तुझे जी लुंगी मैं..

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

 

नाकामियों से ऊपर उठते हुए,

समय के आगे न झुकते हुए,

मुश्किलों से हंस कर मिलूंगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

 

रुठेंगी कब तक मंजिलें मुझसे,

मायूस होगी कब तक महफ़िलें मुझसे,

तूफ़ान भी अब डिगा न सकेंगे,

लहरों के वेग से अब न डरूँगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

 

भिगोया हैं बहुत आँचल को अपने,

अरसा गुज़र गया मुस्कुराहटो की तलाश में,

अब भीगी पलकों पर सपनो को जगाना है,

आसमान को क़दमों में झुकाकर रहूंगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

 

सुन ले ज़माना, समझ भी लें  जरा,

राहों से मेरी हट लें अब ज़रा,

चुप्पी को न मेरी हार समझना,

सहमी सी हर पल अब न रहूंगी मैं,

मुस्कुरा कर, आगे बढकर, ज़िन्दगी तेरे गले लगूंगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

Views: 405

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by satish mapatpuri on June 28, 2011 at 5:31pm

भिगोया हैं बहुत आँचल को अपने,

अरसा गुज़र गया मुस्कुराहटो की तलाश में,

अब भीगी पलकों पर सपनो को जगाना है,

आसमान को क़दमों में झुकाकर रहूंगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

इस जज्बा को सलाम करता हूँ. बड़े खुबसूरत ख्याल हैं, बधाई.
Comment by Vasudha Nigam on June 28, 2011 at 3:37pm
आभार...

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 28, 2011 at 3:35pm

इस सद्प्रयास पर मेरी शुभकामनाएँ.

Comment by Rash Bihari Ravi on June 28, 2011 at 3:13pm

नाकामियों से ऊपर उठते हुए,

समय के आगे न झुकते हुए,

मुश्किलों से हंस कर मिलूंगी मैं!

ज़िन्दगी तुझे जी लूंगी मैं...

 

vah kya bat hain lajabab

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"चार पदों का छंद अनोखा, और चरण हैं आठ  चौपाई औ’ दोहा की है, मिली जुली यह ठाठ  विषम…"
18 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
21 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Oct 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service