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आदरणीय कनक हरीलालका जी आपकी इस बेहतरीन लघुकथा के लिए हार्दिक बधाई।
हार्दिक बधाई आदरणीय कनक जी।बेहतरीन संदेश प्रद लघुकथा।
एक माँ की व्यथा को लघुकथा के रूप में ढालने का अच्छा प्रयास है, इसमें अभी बहुत गुन्जाईस शेष है, बहुत बहुत बधाई आदरणीया कनक जी.
आदरणीय कनक जी, आपकी लघुकथा पढ़ कर रौंगटे खड़े हो गए। आपको इस मार्मिक रचना के लिए दिली मुबारक़बाद।
सादर नमन सह बधाई आदरणीया।
सफ़र (लघुकथा)
"ए लड़के! चल टिकट दिखा।"
"वो... टिकट तो हमारे पास नहीं है बाबू जी।"
"बिना टिकट के ही चढ़ गया ट्रैन में? अगले स्टेशन पर ही बाहर फेंक दूंगा!"
"जैसी आपकी मर्ज़ी, बाबू जी।"
"कहाँ से आया है तू?"
"चन्दा गाँव से।"
"कहाँ है तेरा ये गाँव?"
"वो... वहीं जहाँ से हम आये हैं बाबू जी।"
"बेवक़ूफ़! भाग के आया है तू घर से?"
"जी बाबू जी।"
"क्यों?"
"पिता जी हमें बहुत मारते थे।"
"और माँ?"
"हमारी अम्मा मर चुकी है, बाबू जी।"
"कहाँ जा रहा है तू?"
"जहाँ ये गाड़ी ले जाएगी, बाबू जी।"
"तुझे पता भी है ये गाड़ी कहाँ जा रही है?"
"नहीं, बाबू जी।"
"क्या करेगा वहाँ जा कर? कहाँ रहेगा?"
"पता नहीं, बाबू जी।"
(मौलिक व अप्रकाशित)
आदाब। नवीन परिचय आपकी बढ़िया लेखनी से। हार्दिक स्वागत आपका। बसों और रेलगाड़ियों के सफ़र में पीड़ितों के हर रोज़ के ऐसे सफ़रों का शब्द-चित्रांकन करती कम शब्दों में संवादात्मक शैली में बढ़िया रचना के लिए हार्दिक बधाई जनाब रवि भसीन 'शाहिद,' साहिब। आपकी अन्य लघुकथायें भी पढ़ना चाहूंगा।
आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहब, आदाब। आपकी ज़र्रा-नवाज़ी के लिए तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। इस मंच पर ज़बान पर महारत रखने वाले गुणीजनों के बीच आने में थोड़ी हिचकिचाहट थी। आदरणीय उस्ताद-ए-मोहतरम समर कबीर साहब से ग़ज़ल कहनी सीख रहा हूँ। आपसे हौसला-अफ़ज़ाई पाकर नस्र लिखने की और लघुकथा गोष्ठी में शिरकत की कोशिश जारी रखूँगा। सादर
एक सक्षम ग़ज़लगो को लघुकथा कहते देखना बायस-ए-मसर्रत हैl संवाद-शैली में एक चुस्त और कसी हुई लघुकथा कही है आ० रवि भसीन 'शहीद' जीl लघुकथा प्रदत्त विषय से पूर्णत: न्याय भी कर रही है, जिस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित हैl
आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आप जैसे श्रेष्ठ और सम्मानित साहित्यकार से सराहना मिलना मेरे लिए सौभाग्य और गौरव की बात है। आपका हार्दिक आभार।
पता नहीं कितनो को पता है कि इस जिंदगी के सफर में जाना कहाँ है. बहुत बढ़िया रचना प्रदत्त विषय पर, बहुत बहुत बधाई आ रवि भसीन 'शाहिद' जी
आदरणीय विनय कुमार जी, आपकी बधाई और प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।
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