(चित्र अंतर्जाल से)
सादर अभिवादन ..
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ बीसवाँ आयोजन है.
इस बार का छंद है -
गीतिका छंद
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –
17 अप्रैल 2021 दिन शनिवार से 18 अप्रैल 2021 दिन रविवार तक
हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.
गीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें
जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
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आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 20 मार्च 2021 दिन शनिवार से 21 मार्च 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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भाई, लक्ष्मण सिंह धामी, मुसाफिर, गीतिका छ॔द मैं रचता रहा हूँ, अप्रैल में भी ओ बी ओ मे गीतिका छंद में मेरी प्रस्तुति आप देख सकते हैं ! लेकिन मैंने चित्रोक्त विषय पर गीत रचा है, जिस का स्पष्टीकरण मैंने प्रारम्भ में कर दिया है ! साभार !
आ. भाई चेतन जी, मैंने टिप्पणी में आपकी योग्यता पर प्रश्न नहीं उठाया है। गीत आप अन्य सामान्य पोस्ट में डाल सकते थे । यहाँ पर छंद गीतिका ही होना चाहिए । मेरा आशय यह है कि आप कोशिश करते तो यही गीत गीतिका छंद में बदल सकता था । हर मंच का एक नियम है कि दी गयी विधा में ही प्रस्तुति हो जिससे सीखने सिखाने की परम्परा चलती रहे । सादर..
ये गरीबी कम लगी क्या, प्रभु सताने के लिये
जो महामारी भयंकर ,दी रुलाने के लिये
बाँध मुखपट्टा हरा हम, पेट को सहला रहे
तू सुनेगा एक दिन ये, सोच मन बहला रहे
चरमराई क्यों व्यवस्था, नैन सूने पूछते
और खेवनहार सारे, आँकड़ों से जूझते
कुछ चुनावी कर्म में कुछ आस्था में मग्न हैं
खेल दोषारोपणों के, सत्य सारे नग्न हैं
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मौलिक व अप्रकाशित
आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सारगर्भित छन्द रचे हैं । हार्दिक बधाई।
इस उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मणधामी जी
कुछ चुनावी कर्म में....... बेहद खूबसूरत कटाक्ष है
सादर प्रणाम आदरणीय प्रतिभा जी
प्रदत्त विषय पर बेहद खूबसूरत छंद रचना है
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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