सादर अभिवादन !!
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सताइसवाँ आयोजन है.
इस बार का छंद है - शक्ति छंद
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ –
20 नवम्बर 2021 दिन शनिवार से
21 नवम्बर 2021 दिन रविवार तक
हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.
चित्र अंर्तजाल के माध्यम से
शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...
जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
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आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो
20 नवम्बर 2021 दिन शनिवार से 21 नवम्बर 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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जय-जय
आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सादर प्रणाम।
शक्ति छंद
दिखे मात्र कोना लगे यान है ।
किसी को न कोई यहाँ भान है ।
नहीं दीन का आज भी मान है ।
तभी खींचता चित्र यह ध्यान है ।।
सभी जा रहे हैं यहाँ से वहाँ ।
सफ़र हो रहा है निरंतर यहाँ ।
कहीं नेट पर है किसी का गगन ।
कहीं फ़िक्र कल की किये है मगन ।।
नहीं पूछती नींद क्या हो रहा ।
तभी बालपन गोद में सो रहा ।
खुलेगी कभी नींद जो टूटकर ।
हँसे तो ठीक, रोए न शिशु फूटकर ।।
मौलिक/अप्रकाशित.
चित्रानुरूप सुंदर सृजन के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय अशोक रक्ताले साहब जी
प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. छोटेलाल सिंह जी. सादर
आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुन्दर छन्द हुए हैं । हार्दिक बधाई ।
आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु हृदय से आभार आपका. सादर
आदरणीय अशोक कुमार जी सादर प्रणाम। बहुत सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।
आदरणीया दीपांजलि दुबे जी सादर नमस्कार, प्रस्तुति छंद रचना की सराहना हेतु आपका अतिशय आभार. सादर
आदरणीय अशोक भाईजी
छंदोत्सव का शुभारम्भ आपकी रचना से हुआ इसके लिए और चित्र के अनुरूप सुन्दर प्रस्तुति के लिए ह्रदय से बधाई|
भूलवश अंतिम पंक्ति में ' तो '' अनावश्यक आ गया देख लीजिए
आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत छंद रचना की सराहना हेतु हार्दिक आभार. सही कहा है आपने. असावधानी से 'तो' शब्द अंतिम छंद में आया है. सादर.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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