नमस्कार साथियों,
"चित्र से काव्य तक" अंक -७ प्रतियोगिता से संबधित निर्णायकों का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने का समय आ गया है | इस बार भी प्रतियोगिता में निर्णय करना अत्यंत कठिन कार्य था जिसे हमारे निर्णायकों नें अत्यंत परिश्रम से संपन्न किया है |
अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि लगातार तीन दिनों तक चली इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कुल ६५४ रिप्लाई आयीं हैं जो कि संतोषजनक हैं, जिसके अंतर्गत अधिकतर दोहा, चौपाई , कुंडली, गज़ल, घनाक्षरी, हाइकू व छंदमुक्त सहित अनेक विधाओं में रचनाएँ प्रस्तुत की गयीं, प्रतियोगिता में समस्त प्रतिभागियों के मध्य, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा जी, आदरणीय गणेश जी बागी व धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी, ने आदि से अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों में परस्पर संवाद कायम रखा जो कि इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए नितांत आवश्यक था | न केवल यह वरन उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाओं में दोहा, कुण्डलिया, कह मुकरी व घनाक्षरी आदि छंदों का प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर बना दिया | इस आयोजन में श्री तिलकराज कपूर जी, श्री सौरभ पाण्डेय जी, संजय मिश्र जी श्रीमती शन्नो अग्रवाल जी, श्री सतीश मापतपुरी जी आदि नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की सीमा के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ इन सभी नें अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही | बंधुओं ! यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है...........
इस यज्ञ में काव्य रूपी आहुतियाँ डालने के लिए सभी ओ बी ओ मित्रों को हृदय से बहुत-बहुत आभार...
प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...
प्रथम स्थान :श्री अविनाश एस० बागडे
स्नेह है ,सहयोग है
और है शुभकामना.
हम यशस्वी हो सके
हर एक की है भावना.
दो कदम ही साथ चल के,
देखिये हम पास है.
नव-सृजन के संधियों की
आस और विश्वास है.
स्वप्न सारे पूर्ण होंगे,
गर सभी का साथ होगा.
एक दीपक तुम जलाना,
इक हमारे हाथ होगा.
द्वितीय स्थान ; श्रीमती सिया सचदेव
जगमग करते दीपो का त्यौहार मनाये
भूल के शिकवे दुश्मन को भी मीत बनायें
मंदिर में भी मस्जिद में भी दिए जलाएं
राम रहीम अपने दिलों से भेद मिटायें
एक हैं इश्वर एक ही अल्लहा नाम अलग हैं
हम सब उसके बच्चे,दुनिया को समझाए
जो गुमराह हुए नफरत की राह में भटके
बनके रहनुमा उनको प्यार की राह दिखाएँ
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई है सब भाई
इक दूजे के संग मिलकर त्यौहार मनाएं
जब हम सब को हैं बनाया इक मालिक ने
फिर क्यूं लड़ना आपस में फिर क्यूँ टकराएँ
मिटा अँधेरा हर दिल को जो रौशन कर दे
आज "सिया" वह ऐसा प्यारा दीप जलाएं
तृतीय स्थान : श्रीमती मोहिनी चौरडिया
घर के आँगन को विस्तार दो
ज्योत से ज्योत जलाकर
मन के आंगन को विस्तार दो
नेह की बाती बनाकर ।
घर की देहरी को विस्तार दो
रंगोली सजाकर
घर के द्वार को विस्तार दो
बंदनवार की डोरी लगाकर ।
अपनत्व को विस्तार दो
स्नेह और सहयोग की लौ जलाकर
खुशियों को विस्तार दो
गम के लम्बे अंधियारे भुलाकर ।
परिवार को विस्तार दो
व्यक्तिगत आकांक्षाएँ भुलाकर
श्रद्धा को विस्तार दो
आस्था के आयामों को सुद्दढ़कर ।
कुछ इस तरह मिलकर जियें
समर्पण की चादर ओढ़कर
तम, जल जाये
मुस्कानों का उजाला देखकर ।
हर्ष-औ-उल्लास की डोर थामे
संकल्पों के दीप जलाकर
बढ़ चलें हम, उस सदी की ओर
जहाँ हो ‘‘सत्यं शिवं सुन्दरम् ’’ को ठौर ।
प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई...
प्रथम व द्वितीय स्थान के उपरोक्त दोनों विजेता आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक ८ के निर्णायक के रूप में भी स्वतः नामित हो गए हैं, तथा आप दोनों की रचनायें आगामी अंक के लिए स्वतः प्रतियोगिता से बाहर होगी |
जय ओ बी ओ!
अम्बरीष श्रीवास्तव
अध्यक्ष,
"चित्र से काव्य तक" समूह
ओपन बोक्स ऑनलाइन परिवार
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AABHAR.
बहुत बहुत शुक्रिया आपका
श्री अविनाश बागडे जी, श्रीमती सिया सचदेव एवं श्रीमती मोहिनी चोरडिया जी को मेरी हार्दिक बधाई !
AABHAR..Saurabhji.
सभी विजेताओं को बधाई व हार्दिक शुभकामनायें.
विजेताओं को हार्दिक बधाईया, रचनाएं उत्कृष्टता की पर्याय हैं, सभी रचनाकारों को समस्त ओबो परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें भी
sabhi vijeeta sadasyon ko haardik badhai !!
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