For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

परी और नन्हे बच्चे 

 

एक बार की बात है , परीलोक में परियों की राजकुमारी रहती थी l राजकुमारी बच्चों से बहुत प्यार करती थी l  एक दिन राजकुमारी ने निर्णय लिया कि वो बच्चों के स्कूल के सबसे स्वस्थ बच्चे को ढेर सारे तोहफे व वरदान देगी l 

 

उसने बादलों के पार आसमान में अपने परीलोक से नीचे स्कूल के प्रांगण में देखा और सबसे स्वस्थ बच्चा ढूँढने लगी l राजकुमारी सोच में पड़ गयी......क्योंकि कुछ बच्चे बहुत सुन्दर, साफ़-सुथरे, तेजोमय और आकर्षक थे, तो कुछ बच्चे बहुत प्रभावशाली, फुर्तीले, निडर और बलशाली थे l  स्कूल के कुछ बच्चे अत्यंत चतुर, समझदार व आज्ञाकारी थे, तो कुछ बच्चे शीघ्र ही अपना पाठ याद कर लेते थे l  सबसे स्वस्थ बच्चा चुनने के लिए परी असमंजस में पड़ गयी l अतः उसने सोच कि वो बच्चों को और नज़दीक से देखेगी l

 

तब परीलोक से उतर कर, परियों की राजकुमारी नीचे आयी और एक पेड़ के पीछे से छिपकर देखने लगी l उसने देखा कि , सुन्दरता, समझदारी, तेज, शक्ति, निडरता, स्फूर्ति, चतुराई के बावजूद भी सभी बच्चे स्वास्थ्य संबंधी किसी न किसी समस्या से जूझ रहे थे l  कुछ बच्चों के दांतों में सडन थी तो कुछ की आँखों में चश्मा लगा था ; कुछ बच्चे हेमोग्लोबिन की कमी से एनीमिक व थके-थके रहते थे, तो कुछ में कैल्शियम की कमी से हड्डियाँ व दांत कमज़ोर थे ; कुछ बच्चे ज़रुरत से ज्यादा ही मोटे थे तो कुछ बहुत कमज़ोर थे l  वहीं कुछ बच्चे तो पढ़ाई में अपना ध्यान भी केन्द्रित नहीं कर पाते थे l

 

ये सब देखकर राजकुमारी बहुत उदास हुई और दुःख से रोने लगी l  परियों की राजकुमारी नें अपने प्यारे बच्चों की समस्त स्वास्थय समस्याओं के मूलभूत कारण को खोजने का फैसला किया l

 

जैसे ही मध्यान्ह भोजन की घंटी बजी, परी एक कक्षा के दरवाजे के पीछे छिप गयी l  उसने देखा कि बच्चे अपने टिफिन बॉक्स में चोकलेट, केक, पेस्ट्री , चोको-पाई , ब्रेडजैम,सैंडविच, मैगी , चाऊमीन, फ्रेंच फ्राईज , बर्गर , कुरकुरे, वेफर, पिज्जा, बिस्कुट , कुकीज़ आदि खाने की चीज़ें लाये हैं l परी बहुत चिंतित हुई, क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थों में न तो प्राकृतिक रेशे व पोषक तत्व  होते हैं और न ही संतुलित मात्रा में प्रोटीन व विटेमीन l  साथ ही इन खाद्य पदार्थों में रासायनिक रंग, कृत्रिम रासायनिक संरक्षक व चटपटे मसालों को मिलाया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होते हैं l

 

परी की आँखों में आंसू आ गए l  अचानक उसे याद आया वो दिन जब कुछ साल पहले भी वो सबसे तंदुरुस्त बच्चे को तोहफे व वरदान देने आयी थी l  तब उसने देखा था कि 

बच्चों के टिफिन में रंग-बिरंगे अंकुरित अनाज, चौकोर टुकड़ों में कटे खुशबूदार फल जैसे सेब, नाशपाती, पपीता, आम, केला, लाल-लाल गाजर , हरे हरे मटर की सब्जी, गोल-गोल रोटी, मटर पुलाव, आदि खाने की चीजें थीं l  ये सभी खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों से भरपूर, व प्राकृतिक रेशे से युक्त थे l  पिछली बार परी बहुत खुश हुई थी, क्योंकि तब सभी बच्चे बहुत स्वस्थ व सेहतमंद थे l  तब परी नें सभी बच्चों को ढेर सारे तोहफे, वरदान और आशीर्वाद दिए थे l

 

परन्तु इस बार परी बहुत उदास थी l  बच्चों की विकृत खान-पान की आदतों के कारण वो बच्चों के भविष्य के लिए भी बहुत चिंतित थी l  परी ने सोचा की अपने प्यारे बच्चों को स्वास्थय संबंधी परेशानियों से घिरा छोड़ कर वो अपने परीलोक वापिस कैसे जा सकती है l तभी परी नें अपनी सुनहरी छड़ी घुमाकर स्वयं को बच्चों के स्कूल की एक प्यारी से मधुर, स्नेहमयी, दिशा-निर्देशिका शिक्षिका में बदल लिया l  परियों की राजकुमारी नें फैसला किया की वो प्यारे प्यारे बच्चों के साथ शिक्षिका बन कर तब तक रहेगी जब तक वो बचों की विकृत खान पान की आदतों को बदल नहीं देती और हमेशा हमेशा के लिए उन्हें स्वस्थ जीवन जीने की राह पर चलना नहीं सिखा देती l

Views: 9831

Replies to This Discussion

आदरणीया  प्राची  जी, सादर अभिवादन 

पहले वाली  प्राची जी कहाँ गयीं. unki  बहुमूल्य पोस्ट abhi पढने और सीखने से शेष रह गयीं हैं. आवश्यकता है, फिर से परी ban jayen.  sandeshparak रचना. badhai

आदरनिया डॉ. प्राचीजी, 

मुझे तो लगने लगा है आप ही जमीं पर बच्चो को परियों की कहानी सुनाकर

उन्हें शिक्षित करने आसमां से उतर कर आई हो | सुंदर रचना मुझे आज मेरे

पोते को, जो बगैर मुझसे कहानी सुने सोता ही नहीं है, सुनाने को मिल गयी |

कहानी बच्चो को पसंद भी आये और सिक्षा भी मिले,इस पर खरी उतरती है |

हार्दिक बधाई |

ये कहानी मैंने अपने पांच साल के बेटे के लिए लिखी है...
उसके स्कूल में junk food  ले जाना बिलकुल मना है...
मूलतः ये एक english picture story kee form me maine likhee thee  जिसमे मैंने उसके ही teachers  की फोटो इक्कठा करके इस कहानी के साथ जोड़ा था l 
इस कहानी को हिंदी दिवस-२०११ पर मनोरमा संबोधन पुरूस्कार भी मिला l
आदरणीय प्रदीप कुशवाहा जी, लक्ष्मण लादीवाला जी, आपने इस परीकथा को सराहा, और अपने पोते को सुनाने लायक समझा, आपका ह्रदय से आभार l
आपके पोते को ये कहानी कैसी लगी, कृपया ज़रूर अवगत कराएं l

प्राची जी ,बहुत ही अच्छी रचना ,आजकल चाकलेट ,टोफिज़,फास्ट फूड जैसे पीज़ा आदि जैसे खान पान के आदी हो कर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर रहे है |अच्छ सन्देश देती हुई आपकी रचना ,बधाई 

बच्चों के लिये लिखी गयी इस परीकथा पर आपकी सराहना के लिए हार्दिक आभार आ रेखा जी

आदरणीय प्राची जी,

आपकी कहानी ने  मुझे अपने विद्यालय के छात्रों को संतुलित आहार का पाठ रुचिपूर्ण तरीके से पढ़ाने का मार्ग दिखाया| आप बधाई की पात्र हैं|
 
आदरणीया सवी जी,
अगर ये कहानी वास्तविकता के धरातल पर, बच्चों को संतुलित आहार की विशिष्टता का पाठ पढ़ा सके, तब ही इसका लिखा जाना सार्थक है.
इस कहानी को आपने सराहा, आपका आभार.

प्राचीजी

 

इस शिक्षाप्रद कहानी से बच्चे क्या बड़े भी सीख लेंगे . फ़ास्ट फ़ूड का प्रचलन बच्चों में आजकल बहुत बढ़ गया है .ऐसे में ये कहानी उनके लिए अवश्य  संदेश् प्रेरक रहेगी

 

बधाई

आदरणीया विजयाश्री जी,
कहानी की सार्थकता पर आपका अनुमोदन लेखन के प्रति आश्वस्त कर रहा है। ह्रदय से आभार आदरणीया

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

धर्मेन्द्र कुमार सिंह posted a blog post

जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी में (ग़ज़ल)

1222 1222 122-------------------------------जो कहता है मज़ा है मुफ़्लिसी मेंवो फ़्यूचर खोजता है लॉटरी…See More
13 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सच-झूठ

दोहे सप्तक . . . . . सच-झूठअभिव्यक्ति सच की लगे, जैसे नंगा तार ।सफल वही जो झूठ का, करता है व्यापार…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

बालगीत : मिथिलेश वामनकर

बुआ का रिबनबुआ बांधे रिबन गुलाबीलगता वही अकल की चाबीरिबन बुआ ने बांधी कालीकरती बालों की रखवालीरिबन…See More
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय सुशील सरना जी, बहुत बढ़िया दोहावली। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर रिश्तों के प्रसून…"
13 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, प्रस्तुति की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. यहाँ नियमित उत्सव…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, व्यंजनाएँ अक्सर काम कर जाती हैं. आपकी सराहना से प्रस्तुति सार्थक…"
yesterday
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सूक्ष्म व विशद समीक्षा से प्रयास सार्थक हुआ आदरणीय सौरभ सर जी। मेरी प्रस्तुति को आपने जो मान…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी सम्मति, सहमति का हार्दिक आभार, आदरणीय मिथिलेश भाई... "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"अनुमोदन हेतु हार्दिक आभार सर।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति, स्नेह और मार्गदर्शन के लिए बहुत बहुत आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ सर, आपकी टिप्पणियां हम अन्य अभ्यासियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होती रही है। इस…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार सर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service