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'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक -१६  

नमस्कार दोस्तों !

इस बार की चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-१६ में आप सभी का हार्दिक स्वागत है | रिमझिम बरसात के मौसम में ठंडी-ठंडी फुहार से युक्त सावन की मस्ती का प्रतिनिधित्व करता हुआ इस बार का नयनाभिराम चित्र अपने आप में अनमोल है जिसे हमारे विद्वान प्रतिभागियों द्वारा अनेक रूप में चित्रित किया जा सकता है |

साथियों! इस साल की भयंकर गर्मी झेलने के बाद जैसे ही सावन की ठंडी-ठंडी फुहारें आयीं वैसे ही अधिकतर बागों में झटपट झूले पड़ गए अब इन झूलों पर झूलने वालों को बचपन जैसी मस्ती तो आनी ही है    

मधुर सावनी है यहाँ, ठंडी मस्त फुहार.

मौसम की हैं मस्तियाँ, प्रियतम से अभिसार..

आइये तो उठा लें अपनी-अपनी लेखनी, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण, और हाँ.. पुनः आपको स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी, कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें | ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार की जा सकती है | 

प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र  की भी व्यवस्था की गयी है जिसका विवरण निम्नलिखित है :-

"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार 
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

 

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali

A leading software development Company

 

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala

A leading publishing House

नोट :-

(1) १४ तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १५  से १७ तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट करने हेतु खुला रहेगा |

(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को"प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करे | 

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना पद्य की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें | 

विशेष :-यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें|  

अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१६ , दिनांक १५ जुलाई  से १७ जुलाई   की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य अधिकतम तीन पोस्ट ही दी जा सकेंगी साथ ही पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह तय किया गया है कि नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |

मंच संचालक: अम्बरीष श्रीवास्तव

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Replies to This Discussion

गज़ब करते हो रेखा जोशी जी ...........
क्या बात है.....

वाह !

हरियाली आयी अंगना ,छायी मदमस्तियाँ.
मनभावन आए सामने ,झुक गयी आखियाँ,
झूले पड़ते पेड़ों पे ,झूल रही सखियाँ ,
झूमती नाचती गाती ,करती है बतियाँ .

बहुत खूब.......खूब से भी खूब !
________अति सुन्दर रचना .........बधाई !

धन्यवाद अलबेला जी ऐसे ही उत्साहित करते रहिये ,आभार 

सादर

आदरणीया सीमा जी ,मार्गदर्शन करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,आपको रचना अच्छी लगी आपका आभार 

आपका कहना सही है सीमाजी. रूपमाला मात्रिक छंद है. कुल चौबीस मात्राओं में चौदह पर यति होती है. सम चरण का अंत गुरु-लघु से होता है.

आपने उचित निर्देश किया है.

सौरभ जी ,आपका आभार 

सुन्दर रचना आदरणीय रेखाजी

पूरी रचना आपके प्रकृति प्रेम से ओतप्रोत है

आपने  प्रयास किया ये बहुत बढ़िया किया प्रयास करती रहें..... हम भी इसी राह के राही है

आपको इस रचना की हार्दिक बधाई

आदरणीय उमाशंकर जी ,ऐसे ही उत्साहित करते रहिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद 

क्या बात है आदरणीया रेखा जी बहुत उत्तम वाह वाह वाह

हरियाली आयी अंगना ,छायी मदमस्तियाँ.
मनभावन आए सामने ,झुक गयी आखियाँ,
झूले पड़ते पेड़ों पे ,झूल रही सखियाँ ,
झूमती नाचती गाती ,करती है बतियाँ .

आदरणीय संदीप जी ऐसे ही प्रेरणा देते रहिये ,आभार 

आदरणीया सुन्दर अति सुन्दर छंद माला. बहुत बहुत बधाई

अरुण जी उत्साहवर्धक कमेन्ट के लिए आपका धन्यवाद 

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