For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी

फिर सावन का सोमवार है बाबाजी
फिर पूजा है, मन्त्रोच्चार है बाबाजी

आज हमारे जन्म दिवस के मौके पर
नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी

सुबह सवेरे जल्दी उठ कर स्नान करूँ
घरवाली का ये विचार है बाबाजी

बीवी को वश में करने का मन्तर दो
विनती तुम से बार बार है बाबाजी

वोटर का दुःख उसे दिखाई न देगा
जब तक वो  कुर्सी सवार है बाबाजी

उम्मीदों पर बार बार जो वार करे
वही सही उम्मीदवार  है बाबाजी

जूतों की गारंटी बारहमास भले
पर जीवन के दिवस चार हैं बाबाजी

'अलबेला' फिर सौरभ पाण्डेय डांटेंगे
है में घुस गया अनुस्वार है बाबाजी

-अलबेला खत्री


Views: 616

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on July 24, 2012 at 2:16pm

नमन  आपको अशोक कुमार रक्ताले भाईजी.....
आपके शब्दों  ने सुखद अनुभूति कराई........
मज़ा आ गया
__सादर धन्यवाद

Comment by Ashok Kumar Raktale on July 24, 2012 at 1:36pm

अलबेला जी
         सादर, इच्छाधारी तो बन गए मणिधारी बही बने बरसों बरस जियें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.यूँ ही मंच पर संक्रामक मुस्कराहट बिखेरते रहें. सुन्दर रचना पर बधाई.
 बीवी को वश में करने का मन्तर दो
 विनती तुम से बार बार है बाबाजी
 जानते होते तो बेचारे बाबाजी ही क्यों बनते?

 

Comment by Albela Khatri on July 24, 2012 at 12:24am

जय हो.........
ग्रेट !
ग्रेट !
___सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 24, 2012 at 12:21am

आज हमारे जन्म दिवस के मौके पर
नाग पंचमी का त्यौहार है बाबाजी.. ..  

.... हा हा हा हा............

'अलबेला' फिर सौरभ पाण्डेय डांटेंगे
है में घुस गया अनुस्वार है बाबाजी...

नहीं साहब,इसे यों कहें --

’है’ पर चढ़ बैठा अनुस्वार है बाबाजी ..  :-)))))

Comment by Albela Khatri on July 23, 2012 at 11:38pm

आपने तो पूरी गाथा ही कह दी प्रभु............
प्रणाम आपके अविरल और अगाध स्नेह को

धन्यवाद

___सादर

Comment by UMASHANKER MISHRA on July 23, 2012 at 11:28pm

सुन्दर रचना के साथ इस सुन्दर इंसान को जन्म दिन की हार्दिक बधाई

प्रिय अलबेला जी जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामना... तुम जियो जितने साल....जिंदगी सदा रहे खुशहाल जो भी लिखो मचे बवाल,टिपण्णी पे हो  टिपण्णी सवालों पे सवाल, बिना  उबाल  गलती रहे दाल, झडे ना कभी बाल,शर्म से या खुशी से गुलाबी रहे गाल, मिटते रहे जंजाल, हम जैसे आफतों को झेलने मोटी रहे खाल

आज नाग पंचमी के पावन अवसर के साथ साथ  आपके  जन्म दिवस की बहुत बहुत बधाई

Comment by Albela Khatri on July 23, 2012 at 6:59pm

धन्यवाद भाई संजय जी
सादर

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on July 23, 2012 at 6:32pm

क्या बात है, नमस्कार है बाबाजी....

सादर बधाई स्वीकारें आदरणीय अलबेला जी...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service