For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

खाऊँ नही अन्न, जल पीऊँ भी न ‎
निराहार काटूँ  घड़ियां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

करो सदा सत्कर्म प्रेरित माँ ‎
तुम बिन और कोउ नैयां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

एड़ी माहुर मांग सेंदुर माँ ‎
पाउन अमर रहें बिछियाँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

गौरा के ज्यों शिव सदा है माँ ‎
मेरो अमर रहे सैयां!      ‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

                           - गीतिका 'वेदिका'

मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 2200

Replies to This Discussion

बहुत प्यारी माँ स्तुति अतिसुन्दर ,बधाई आपको प्रिय गीतिका जी |

आपका आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी!

आपकी प्रथम प्रतिक्रिया से संबल प्राप्त हुआ|

 तीज पर साजन  के लिए माँ से विनती करती हुई अद्भुत रचना । सुंदर भाव । आपको बधाई गीतिका जी  । यों तो बुन्देली मुझे आती नहीं लेकिन स्नेह भाव किसी  भी भाषा मे  हो समझ आ ही जाते है । 

आभार आदरणीया अन्नपूर्णा जी!

आप सही कहती हैं, भाव ग्रहण करने हेतु भाषाई अवरोध कोई मायने नहीं रखते !! 

इतनी अच्छी प्रस्तुति पर तो बस जय माता की ! 

ही मन मे आता है !माता जी आपको शुभ आशीस दे ! 

आत्मीय प्रार्थना हेतु आपका आभार आदरणीय अमन जी!

शुभकामना हेतु धन्यवाद !!

  बुन्देली भाषा में 'हरितालिका तीज' पर  माता पार्वती से विनती करती हुयी बहुत सुंदर रचना , बहुत बहुत बधाई गीतिका जी

बधाई हेतु आभार !!

आदरणीया गीतिका जी बहुत ही सुन्दर व आकर्षक गीत! देशज भाषा में होने के बावजूद आपने इतने सरलता से इसे लिखा है कि भाव स्पष्ट होकर पाठक के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं। आपको हार्दिक बधाई!
एक जिज्ञासा है कि अन्तरे में वह पंक्ति क्यों नहीं सम्मिलित की गयी जिसके बाद स्थायी गाना होता है।
सादर!

आदरणीय बृजेश जी!

आपकी पाठक धर्मिता को नमन, की आपने उस बोली का गीत पढ़ा और समझा जो की आपके अंचल का नहीं है| आपको शत शत आभार करती हूँ|

आपकी शंका का निवारण के तौर पर ये पंक्तियाँ प्रस्तुत कर रही हूँ

//निराहार काटूँ  घड़ियां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎//

ये पंक्तियाँ हर बंद मे है जोकि स्थायी के पहले गायीं जाएंगी|

आदरणीय, यदि संभव हुआ तो मै जल्दी ही इस गीत की रेकोर्डिग प्रस्तुत करूंगी|

सादर !! 

आदरणीया गीतिका जी,ये भाषा ऐसी नहीं कि समझ न आए। मेरे हिसाब से टिप्पणी करने वाले अधिकांश लोग उस अंचल के नहीं हैं।
एक बात जानना है कि गीत का शिल्प क्या होता है?
क्या मनमर्जी शिल्प में परिवर्तन मान्य है?
मेरे हिसाब से शिल्प में कमी है। रिकार्डिंग से शिल्प सही नहीं होता।

आदरणीय बृजेश जी!

आपकी जिज्ञासा उचित है|  

//एक बात जानना है कि गीत का शिल्प क्या होता है?//

इस संबंध मे कहना चाहती हूँ कि अंचल के हजारों तरह के लोकगीत होते है| हर गीत का एक अपना अलग शिल्प होता है| 

//मेरे हिसाब से शिल्प में कमी है। रिकार्डिंग से शिल्प सही नहीं होता।//

आपके हिसाब से गीत के शिल्प में कमी अवश्य हो सकती है आदरणीय बृजेश जी! किन्तु गीत मैंने निराधार नही लिखा| 

रिकॉर्डिंग से शिल्प सही तो नहीं हो जाएगा, किन्तु शिल्प समझ मे आ जाता है| आशा है कि मै आपकी शंका निवारण कर पायी|

सादर गीतिका 'वेदिका'   

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। बधाई स्वीकार करें।"
9 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
19 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय दया राम भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाईयाँ "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई ,  अच्छी ग़ज़ल हुई है , आ. नीलेश भाई की सलाहें भी अच्छीं हैं , ध्यान …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"वो अकेले में घृणित उदगार भी करते रहे जो दुकाने खोल सबसे प्यार भी करते रहे   नव दवा बीमार का…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीया रिचा जी , खूबसूरत ग़ज़ल  के लिए आपको हार्दिक बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. नीलेश भाई , हमेशा की तरह आपकी एक और अच्छी ग़ज़ल पढ़ने को मिली , ग़ज़ल के लिए आपको बधाई , गिरह …"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जू भाई बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने , हार्दिक बधाई , गिरह का शेर अच्छा लगा , आपको बधाई "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , अच्छी ग़ज़ल कही कही है आपने , और चर्चा और सलाहें भी खूब हुई है , ग़ज़ल के लिए आपको…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आ. अजय जी, मुसहफी के शेर में जिस घटना का वर्णन है वह जल प्रलय की स्थिति पर है जब नूह या नोआ ने अपनी…"
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल अच्छी है फिर भी कुछ विचार प्रस्तुत हैं। राष्ट्र-निष्ठा के प्रकट उद्गार भी करते रहे सारे…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"धन्यवाद आ. तिलकराज सर  अवतार वाला शेर एक तरह से उनके दंभ पर तंज़ है जो स्वघोषित धर्म रक्षक बने…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service