आदरणीय साहित्य-प्रेमियो,
सादर अभिवादन.
पिछले लगातार उन्चास महीनों से ओबीओ प्रबन्धन ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव के माध्यम से हिन्दी साहित्य में शास्त्रीय छन्दों के पुनर्प्रचलन एवं इनकी सर्वांगीण उन्नति के लिए अपनी समस्त सीमाओं के बावज़ूद प्रयासरत रहा है. माह जून’15 में छन्दोत्सव का पचासवाँ अंक आसन्न है.
यह सूचना अवश्य ही आश्वस्तिकारी है. क्योंकि छन्दोत्सव वास्तव में एक दायित्वपूर्ण समर्पण की तरह आयोजित होता रहा है. इस उपलब्धि केलिए हम समस्त सक्रिय रचनाकर्मियों और पाठक-सदस्यों के योगदान के प्रति नत-मस्तक हैं.
अबतक इस आयोजन में निम्नलिखित छन्दों पर रचना-प्रयास हुआ है –
शक्ति छन्द ताटंक छन्द
कुकुभ छन्द हरिगीतिका छन्द
मनहरण घनाक्षरी छन्द गीतिका छन्द
भुजंगप्रयात छन्द उल्लाला छन्द
चौपई छन्द चौपाई छन्द
कामरूप छन्द सार छन्द
कुण्डलिया छन्द रोला छन्द
दोहा छन्द रूप माला छन्द
वीर या आल्हा छन्द कह मुकरिया
त्रिभंगी छन्द तोमर छन्द
छन्दवत आयोजनों के पूर्व एक समय ऐसा भी था जब प्रतिभागी रचनाकार अपनी जानकारी से किसी भी शास्त्रीय छन्द पर चित्र की परिधि में रचनाकर्म किया करते थे. उस हिसाब से देखा जाय तो आयोजन में सम्मिलित हुए छन्दों की संख्या सूचीबद्ध छन्दों की संख्या से कहीं अधिक है.
क्यों न हम इस बार आयोजन को कुछ इस तरह से मनायें कि छन्दोत्सव का यह पचासवाँ अंक अबतक सम्मिलित हुए सभी छन्दों पर अभ्यास के तौर पर भी याद किया जाये. अर्थात, जो सदस्य चाहे सूचीबद्ध छन्दों में से किसी छन्द पर रचनाकर्म करे. रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है, न ही छन्द के चयन के प्रति कोई आग्रह है.
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ – 19 जून 2015 दिन शुक्रवार से 20 जून 2015 दिन शनिवार तक
रचनाओं को प्रस्तुत करने के समय सहभागियों से अनुरोध है कि निम्नलिखित फ़ॉर्मेट में रचना के छन्द से सम्बन्धित जानकारी अवश्य दे दें -
छन्द का नाम -
छन्द सम्बन्धी संक्षिप्त जानकारी -
जैसा कि विदित ही है, छन्दों के विधान सम्बन्धी मूलभूत जानकारी इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 18 जून 2015 से 20 जून 2015 यानि दो दिनों के लिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.
[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
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विशेष :
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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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आदरणीय सुशील सरना जी सादर, सुन्दर दोहे रचे हैं बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. सादर.
आदरणीय सुशील सरनाजी, आपका छन्द प्रयास मेरे लिए आत्मीय संतोष एवं परम आनन्द का कारण हुआ है. आपने जिस गहनता से प्रयास किया है कि दोहे छन्द में प्रदत्त चित्र का मर्म आ गया है. आखिर यही तो इस आयोजन का हेतु है.
आपकी संभवतः कोई पहली छान्दसिक रचना पढ़ रहा हूँ और अतिरेक में हूँ.
हार्दिक धन्यवाद भाईजी. अभ्यासरत रहें .. अभी इतना ही
सादर
सुंदर प्रस्तुति , बधाई सुशील भाई
बात .. आग ........... शहर शहर अपराध है, दिन हो चाहे रात
चतुर्थ प्रस्तुति
कुण्डलिया छंद
(संक्षिप्त विधान : (दोहा+रोला ) आरम्भ में एक दोहा और उसके बाद इसमें छः चरण होते हैं और प्रत्येक चरण में चौबीस मात्राएँ होती हैं। दोहे का अन्तिम चरण ही रोला का पहला चरण होता है तथा इस छन्द का पहला और अंतिम शब्द भी एक ही होता है. )
बालक ले कर हाथ में, देख रहा अखबार ।
काले काले शब्द हैं, सबके सब बेकार ।।
सबके सब बेकार, समझ वह कुछ ना पाये ।
क्यो पढ़ते हैं लोग, सभी को क्यों यह भाये ।।
मिले कहां कुछ स्वाद, लगे ना यह तो लालक ।
करता सोच विचार ,उंगली चबाय बालक ।।
........................
मौलिक एवं अप्रकाशित
आदरणीय रमेशजी, कुण्डलिया चित्रानुरूप ही हुई है. शिल्प भी कसा हुआ दिख रहा है. यह अवश्य है कि उंगली की चार मात्राएँ होती हैं, न कि पाँच जैसा कि आपने गिन लिया है.
शुभेच्छाएँ.
आयोजन के नियमों के अनुरूप रचना के न होने से आदरणीय रोहित शर्मा की रचना हटाई जा रही है.
संचालक
आदरणीय रोहित शर्माजी, आपकी प्रस्तुति किस छन्द में है और इसका विधान क्या है ?
आप शीघ्र इस प्रश्न का उत्तर दें, ताकि आपकी रचना पटल पर बनी रहे.
मंच पर मान्य नियमानुसार प्रस्तुत की गयी रचना के अंत में मौलिक और अप्रकाशित लिखना अनिवार्य है.
शुभेच्छाएँ
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव के पचासवें अंक में सहभागिता केलिए सभी रचनाकर्मियों तथा सुधी पाठकों का हार्दिक आभार
शुभरात्रि
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
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