Tags:
Replies are closed for this discussion.
हाँ ,सही कहा आपने , अगर पिताजी की आँखों के माध्यम से ही बेटे की परवरिश का भी प्रश्न उठाया जाता तो बात और गहरी बन पाती Iसार्थक टिपण्णी के लिए आपका आभार आ० योगराज प्रभाकर जी I
बढ़िया लघुकथा आ. प्रतिभा पांडे जी। बधाई आपको बहुत बहुत।
आ० नीरज जी , आपने उत्साह वर्धन किया , आपकी तहे दिल से आभारी हूँ
वाह आदरणीय प्रतिभा पांडे जी, देश के भाई चारे की जो बुनियाद इस कथा मैं पेश की गई है वो दिल को छू गई ! हार्दिक बधाई आपको इस बेहतरीन लघु कथा पर !
हमारे इस भाई चारे की बुनियाद इतनी मज़बूत है कि कोई इसे हिला नहीं सकता I कथा की प्रशंसा के लिए आपका ह्रदय से आभार आ० सचिन देव जी
आदरणीया प्रतिभा जी, जिस प्रवाह से कथ्य चलता है और दृश्य आँखों के आगे उभरता है लघुकथा सघनता से पाठक के अन्दर उतरती जाती है. जब पंचलाइन आती है तो बस एक झटका लगता है. बहुत ही शानदार लघुकथा हुई है. कथानक का सबसे प्रभावकारी भाग पंचलाइन " इसकी परवरिश में कहाँ कमी रह गई? " है जो इसलिए भी गहराई तक प्रभावित कर रहा है कि परवरिश करने वाला स्वयं आत्ममंथन कर रहा है. यह आत्ममंथन और आत्मविश्लेषण ही गहरे तक चोट करता है. सादर
अ० मिथिलेश जी , कथा के विश्लेषण और सार्थक टिपण्णी के लिए आपका ह्रदय से आभार
आपने मेरे कथन का अनुमोदन कर मान बढ़ा दिया हार्दिक आभार आपका
बधाई इस सार्थक रचना के लिए आ प्रतिभा पांडे जी
कथा की सराहना के लिए आपका ह्रदय से आभार आ० मीना जी
शानदार लघुकथा हुई है आदरणीया प्रतिभा जी। दाद कुबूल कीजिए।
धन्यवाद कथा पर आपकी दाद के लिए आ० धर्मेन्द्र कुमार जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |