Tags:
Replies are closed for this discussion.
प्रिय प्रतिभा जी,आपको लघु कथा पसंद आई ये सच है आज भी लोग इस तरह के कमेन्ट करने से बाज नहीं आते जिसका प्रभाव बच्चों में आत्मविश्वास की कमी करते हैं बच्चों को तो आज भी चश्मा ही मिलता है एक उम्र के बाद ही डॉ० कोंटेक्ट लेंस लगाते हैं ,और ऊँ बच्चों को स्कूल में भी और शैतान बच्चों से क्या क्या सुनना पड़ता है |
//(लगभग बीस दिन बाद)//
आपने इस लघुकथा को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया है I इसे लघुकथा में कालखंड दोष कहा जाता है, इसके आ जाने से रचना लघुकथा विधा की परिधि से बाहर मानी जाती है आ० राजेश कुमारी जी I क्योंकि यही कालखंड ही एक कहानी और लघुकथा के दरम्यान एक बारीक सी सीमा रेखा का निर्माण करता है I
आ० योगराज जी,आपने तथा अन्य विद्वद जनों ने भी मेरी इस त्रुटी पर ध्यानाकर्षित किया है जिसके लिए मैं हृदय से शुक्रगुजार हूँ
इसका निवारण भी सोच रही हूँ क्या ये सही होगा की ब्रेकिट्स हटाकर ---और कुछ समय पश्चात् ----लिख कर कहानी को आगे बढाऊँ .कृपया अपनी राय दें |
वाह बड़ी सहज सी घटना बड़े प्रभावी ढंग से कही है आपने आ० दीदी... आमतौर बड़े बच्चों की भावनाओ को आहत करते रहते हैं.. हमारे घरों में ऐसे मामा चाचा भैया मिल जायेंगे...और उसी समय जब बात अपने बच्चे की तो बहुत संवेदनशील हो उठतें हैं... अच्छी कथा पर बधाई और इस कल-खण्ड दोष का कुछ कीजिये आसानी से हटाया जा सकता है...
प्रिय सीमा जी ,आपने सही कहा हमारे अपने ही हमारे बच्चों पर कमेन्ट करने में नहीं चूकते जिससे उनके प्रति बच्चों का व्यवहार ही कर्कश हो जाता है उनका सम्मान कम हो जाता है |लघु कथा के मर्म तक पंहुच कर की गई प्रतिक्रिया हेतु आभारी हूँ |काल खंड दोष तो सांकल के वक़्त ही ठीक कर पऊँगी |
नीता कसर जी,आपको लघु कथा पसंद आई आपका दिल से आभार |
आदरणीया राजेश दीदी, बहुत बढ़िया लघुकथा हुई है. बस फ्लेशबैक तकनीक के माध्यम से परिमार्जन चाह रही है. इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
मिथिलेश भैया ,आपकी उपस्थिति देख कर अच्छा लगा अब तबियत कैसी है ?मैं भी आज किसी काव्य गोष्ठी से अभी लौटी हूँ दिन में नेट पर नहीं थी |आपको लघु कथा पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुआ इस दोष को तो संकलन के वक़्त दूर कर ही लूँगी |आपका बहुत -बहुत आभार |
हार्दिक आभार आपका मेरे कहे को मान देने के लिए दीदी, ........ तबीयत अपनी रफ़्तार में सुधर रही है. सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |