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ग़ज़ब का सुन्दर हुआ है यह निबन्ध ! आपकी किस्साग़ोई तो, आदरणीया, है ही कमाल की ! भाव प्रस्तुतीकरण के क्रम में आपका प्रयास चकित करता हुआ है. अतः, श्लाघनीय है.
किन्त्, आदरणीया कान्ताजी, इस उत्साही प्रयास में ’लघुकथा’ बेचारी कहीं बहुत पीछे छूट गयी दिख रही है. जबकि यह गोष्ठी उसे ही विवेच्य बनाने के लिए आयोजित हुई है. और, चूँकि इतनी फ्लावरी भाषा लघुकथा में नहीं चलती नहीं, इसी कारण, आदरणीया कान्ताजी, हमने इस प्रस्तुति को निबन्ध कहा जिसमें किस्साग़ोई अपने पूरे प्रभाव में है.
व्याकरण की दृष्टि से अभी और मशक्कत की ज़रूरत प्रतीत हो रही है.
चूँकि अच्छी-अच्छी बातें तो आपको सभी कहेंगे ही, तनिक क्लिष्ट बातें हम जैसे कुछ लोग क्यों न कर लें ?
आदरणीय योगराजभाईसाहब ने तो प्रति पंक्ति जिस तरह से सुझाव सुझाये हैं वह मंच के लिए गौरव का विषय है.
हार्दिक शुभकामनाएँ
आपके अन्दर के मैडम क्यूरी को सलाम ! .. ..
वो भी रसायन शास्त्र के क्षेत्र में बनाने चली थीं आम और इमली के बन जाने पर चकित हुई थीं लेकिन वह इमली (रेडियम) भी एक अद्भुत प्राप्य होने के कारण सम्मानित हुईं.
लेकिन हम आप ऐसे किसी प्रयोग से बचें. लघुकथा के दायरे और आयाम में ही प्रयोगधर्मीं हों. और तो और वैधानिक प्रयोगों को लेकर मुझसे अधिक इस मंच पर और कौन तत्पर रहा होगा ! और तब मैं ऐसा कह रहा हूँ..
:-))
आदरणीय योगराजभाई साहब इसका अवश्य अनुमोदन करेंगे. इस विचार से प्रयोगों में भी वैधानिक (विधिगत) निरंतरता न भी हो, तो मान्यता तो होती ही है.
एक बात और, आप निबन्ध और लेख में, आदरणीया, गच्चा खा रही हैं क्या ? अन्यथा ’निबन्ध’ शब्द को लेकर आप यों चकित न होतीं.
शुभ-शुभ
आदरणीय शेख शहज़ाद साहब. मुझे नहीं मालूम कर्म अकर्म और विकर्म को आप कितना समझते हैं. लेकिन ऐसा कोई प्रयोग विकर्म की श्रेणी का हो तो उससे अवश्य बचना चाहिये.
कहा गया है न,
कर्मणो ह्यपि बोधव्यं, बोधव्यं च विकर्मणः
अकर्मणो ह्यपि बोधव्यं .. गहना कर्मणो गतिः ॥
हम कर्म को जानें, हम विकर्म को जानें, अकर्म को भी जानें. क्योंकि कर्म की बहुत ही गहन गति (व्यवहार) होती है.
यहाँ विकर्म को ’विशेष कर्म’ न समझ कर इसे मुख्य मार्ग से विरत करने वाला कर्म समझें.
बाकी, आदरणीया कान्ताजी उत्साही अभ्यासकर्ता हैं, वे अभी इस प्रस्तुति के लिए कुछ भी बोलती रहें, अपने को संयत कर लेंगी इसकी हमें आश्वस्ति है.
सादर
आदरणीया कांता जी पर्यावरण के प्रति सजग करती इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
गुणीजनों के मार्गदर्शन पर पूरा ध्यान अपेक्षित है. सादर
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