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"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे पूछताछ

"OBO लाइव तरही मुशायरे"/"OBO लाइव महा उत्सव"/"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता के सम्बन्ध मे यदि किसी तरह की जानकारी चाहिए तो आप यहाँ पूछताछ कर सकते है !

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//मैं एक ही प्रविष्ठी में एक तुकांत+एक अतुकांत+पांच हाइकू+पांच मुक्तक+तीन दोहे+तीन सिंहावलोकनी दोहा-मुक्तक+तीन वर्ण पिरामिड जसाला पिरामिड+दो कुण्डलिया+एक ग़ज़ल प्रेषित कर सकता हूँ क्या?//

"ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" के वर्तमान नियमों के अंतर्गत प्रदत्त विषय पर आधारित आप अपनी 'मौलिक एवं अप्रकाशित' एक से अधिक स्तरीय रचनाएँ एक प्रविष्टि के अंतर्गत पोस्ट कर सकते हैं.    

Sir jankaari chahiye ki obo ka sirf tarahi mushayra hota hai.Kyoki isme shilp ki bandish ke kaaran niji zazbaat samane nahi aa paate

कृपया प्रश्न स्पष्ट करें.

Sir kya android phone se hindi me type kar sakte hain

//Sir kya android phone se hindi me type kar sakte hain//

बिलकुल कर सकते हैं जी, गूगल प्ले स्टोर पर कई हिंदी टाइपिंग एप उपलब्ध हैं, कई फ़ोन तो प्री स्टॉल एप्प के साथ आ रहें हैं.

मैं आपको उत्तर दे रहा हूँ। मैं समझता हूँ आपको समझ में आ गया होगा कि मेरा क्या आशय है।

जनाब "बाग़ी" जी,आदाब,ओबीओ का इस माह का कैलेंडर अभी तक नहीं आया ,क्या बात है ?,कृपया बताने का कष्ट करें ।

आदरणीय समर कबीर जी

माह अक्टूबर का आयोजन कैलेण्डर मुख्य पृष्ठ पर मौजूद है.. कृपया पुनः देखिये.

सादर 

विनम्र निवेदन है कि महाउत्सव 61 की भूमिका/नियम पृष्ठ पर जहाँ विषय दिया गया है, कृपया उस पंक्ति के ऊपर और नीचे एक-एक पंक्ति खाली छोड़ें, ताकि विषय पर दृष्टि तुरंत पड़ सके। सादर
बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद महा उत्सव की भूमिका में प्रदत्त विषय को बखूबी बड़े काले अक्षरों में पुनः उजागर/हाइलाइट करने के लिए। दरअसल मेरा ध्यान छोटे अक्षर में लिखे विषय पर नहीं गया था, वो तो संयोग से मैंने उत्सव विषय पर ही रचनाएँ प्रेषित की थीं । सादर धन्यवाद

आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानजी, हर आयोजन की सूचना अपने विशेष फ़ॉर्मेट में ही होती है. अतः सभी आयोजनों की भूमिका को हर माह पढ़ना आवश्यक है. महाउत्सव का शीर्षक हर माह ऐसे ही दिया जाता है जैसा आपको इस माह दिख रहा है. 

सादर

इस बार तरही मुशायरे में ख़ूब ट्विस्ट है। मूल ग़ज़ल 2122 1212 22 इस अर्कान में है आपने मिसरा भी वो चुना कि दूसरी बह्र सामने आ गई :-)

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"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
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