For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

काहें खद्दर में? पंकज

खोज रहे हो सूत्र एकता, के तुम काहें खद्दर में।
नैतिकता का बलात्कार, होता है पार्टी दफ्तर में।।

अपनी टाँगें मोड़-माड़कर, खूब बचाकर पड़े रहो।
सोच रहे हो घर बस जाये, तम्बू वाले चद्दर में।।

संसाधन पर हक़ तब भी और, अब भी उन लोगों का है।
जो भी रहता है सत्ता के, इर्द-गिर्द के संस्तर में।।

नींद भला आती ही कैसे, उसकी बेबस आँखों में।
यादों के बादल बरसे वो, जगता रह गया बिस्तर में।।

दिल की धड़कन चलती रहती, ऐसे टूट नहीं जाती।
सच कहता हूँ धार बहुत थी, शब्दों वाले नश्तर में।।

Views: 636

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 16, 2015 at 3:45pm
आदरणीय गिरीराज सर सादर प्रणाम्

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 16, 2015 at 3:22pm
आदरणीय पंकज भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ आपको गज़ल के लिये ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 16, 2015 at 3:22pm
आदरणीय पंकज भाई , अच्छी गज़ल कही है , दिली बधाइयाँ आपको गज़ल के लिये ।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 3:53pm
आदरणीय मिंटू जी सादर आभार।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 13, 2015 at 1:44pm

आदरणीय पंकज कुमार जी ........बहुत खूब. बधाई |

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:22am
आदरणीय राहिला जी सादर अभिवादन
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:22am
आदरणीय सौरभ सर सादर प्रणाम्
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on November 13, 2015 at 8:21am
आदरणीय मिथिलेश सादर आभार।
Comment by Rahila on November 13, 2015 at 1:09am
बहुत खूब लिखा आदरणीय पंकज कुमार जी । बहुत बधाई आपको ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 12, 2015 at 11:42pm

ग़ज़लप्रस्तुति केलिए हार्दिक बधाई आदरणीय पंकजजी. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
16 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service