Tags:
Replies are closed for this discussion.
अद्भुत ,नीता जी। कटी पतंग को लुटने से बचाने का आइडिया। समाज के ढकोसलों पर प्रहार लेखक का काम है, आपने बाखूबी किया है। बधाई स्वीकारेंगी ?
वाह वाह, क्या ही सुन्दर लघुकथा है आ० नीता सैनी जीI लघुकथा शिल्प और कथ्य की दृष्टिकोण से तो उत्तम है ही, सोने पर सुहागा यह कि अंत में एक सार्थक सन्देश भी दे रही हैI नारी के सशक्त रूप को उभारकर आपने रचनाकार होने के दाइत्व को बखूबी निभाया है, फिर सफल लघुकथा ऐसी ही तो होती हैI बहुत बहुत बधाई स्वीकार करेंI
हार्दिक बधाई आदरणीय नीता जी!बेहतरीन प्रस्तुति!
सुंदर रचना हुई . सफ़ेद रंग वैधव्य की निशानी क्यूँ बने ? बधाई आपको.
सही समय पर सही निर्णय ,बहुत बहुत बधाई आदरणीय।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |