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इस रंग बदलती दुनिया में इन्सान की नीयत ठीक नहीं. बहुत खूब आदरणीय बागी जी .
सराहना युक्त प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया रिता गुप्ता जी.
आ 0 भाई गणेश बागी जी बहुत ही सधी और कसी हुई लघुकथा हुई है I हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI
आई लव यू,और सच्चा प्यार ? सच्चा प्यार करने बाले को आई लव यू बोलने की जरूरत नहीं होती है।असली रंग दिखाने हेतु बधाई आदरणीय।
आदरणीय पवन जैन जी, उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार.
सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्छ्मन धामी भाई जी.
और हाँ... हम साथ में यह भी कसम खायेंगे कि शादी से पहले एक दुसरे को नहीं छूयेंगे”
सुमन मंदिर में इन्तजार करती रह गयी. रोहित ने अपना असल रंग दिखा दिया था.......आज के युवा वर्ग की मानसिकता पर सटीक कटाक्ष , बधाई स्वीकार करें आदरणीय बागी जी
आदरणीया प्रतिभा जी, प्रस्तुत लघुकथा पर आपकी उपस्थिति और प्रतिक्रिया दोनों ही मुग्धकारी है, आपका बहुत बहुत आभार.
बहुत बढ़िया लघुकथा आदरणीय, हार्दिक बधाई स्वीकारें सादर.
दिल से आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी.
शायद थोड़ी बहुत शराफत बच गयी थी रोहित में जो मंदिर के नाम पर झूठी कसम खाने से गुरेज कर गया।दैहिक प्रेम और आकर्षण को दर्शाती एक सशक्त लघुकथा के लिए बधाई स्वीकार करें आ बागी सर जी।
आदरणीया माला झा जी, आपकी उत्साहवर्धन करती इस प्रतिक्रया हेतु बहुत बहुत आभार.
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