Tags:
Replies are closed for this discussion.
बहुत सुन्दर आदरणीया ,आपके इस बेरंग रंग ने क्या ही खूब कथा का रंग ले लिया है , इस सशक्त प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें आप
आदरणीया जानकीजी, आपने भावुक कर दिया. आँखें नम हो गयीं. नीरज द्वारा किये जा रहे ढम ढमा ढम को हर संवेदनशील मन सुन सकता है, समझ सकता है. जिस कसावट और प्रौढ़ता से आपने मनोदशा को अभिव्यक्त किया है वह आपकी समृद्ध लेखन शैली का अन्यतम उदाहरण है.
हृदयतल से बधाई स्वीकार करें, आदरणीया.
शुभ-शुभ
शिक्षा व्यवस्था पर चोट करती सुंदर और सटीक लघु काठ के लिए बधाई आदरणीया जानकी जी
डिग्री की ढम..ढम तो जैसे दिमाग में बजने लगी, हालाँकि इस समय की कल्पना हमारे अग्रजों ने कई वर्षों पूर्व कर ली थी| चरखा और एस.एस.आई. से लेकर आज के कौशल विकास के पाठ्यक्रमों तक यह ढोल बजता आ रहा है| स्नातक और स्नातकोत्तर के प्रमाणपत्र केवल ताले की जंग लगी चाबियाँ बनते जा रहे हैं| विदेशों में तरक्की का एक बहुत बड़ा कारण कौशल-विकास के पाठ्यक्रम हैं, जिनकी हमारे देश में भी बहुत आवश्यकता है, हालाँकि हर सरकार इन पर कार्यरत है, लेकिन स्कूल-कॉलेज-यूनिवर्सिटी जब तक सिरियस नहीं होंगे, ढोल ऐसे ही दिमागों में बजते रहेंगे| विषय चयन और उस उस विषय की सुंदर प्रस्तुति रुपी इस रचना के सृजन हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया जानकी जी|
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |