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बेहतरीन पंच लाइन वाली लघुकथा विषय पर, बहुत भावपूर्ण| बहुत बहुत बधाई आपको
लघुकथा आपकी सराहना पा कर सार्थक हो गयी, बहुत बहुत आभार आदरणीय विनय कुमार सिंह जी.
वर्तमान पीढ़ी को न तो वुजुर्गों की चिंता है और न ही वृक्षों की। अच्छा चित्रण किया है उत्तम रचना में आपने आदरणीय गणेश जी बागी जी , बधाई।
बरगद का पेड़ एवं बुजुर्ग दोनों छांव देने वाले ,पर कौन फिक्र करता है ।बहुत सुंदर एवं उत्कृष्ट कथा हेतु बहुत बहुत बधाई आदरणीय।
आपकी सराहना पा कर यह लघुकथा सार्थक हो गयी आदरणीय पवन जैन जी, बहुत बहुत आभार आपका.
आदरणीय टी आर शुकुल जी, आपकी सराहना पा कर यह लघुकथा सार्थक हो गयी, बहुत बहुत आभार.
सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया शशी बंसल जी.
आपकी उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी.
आदरणीय समर कबीर साहब, आपकी सराहना पा कर लघुकथा बहुमूल्य हो गयी, बहुत बहुत आभार.
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