आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
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हार्दिक बधाई आदरणीय गणेश जी बागी जी !थोडा सा कटु बोलने से अगर बेटा सही राह पर आजाय तो हर बाप को एक प्रयास अवश्य करना चाहिये!बेहतरीन संदेश देती शानदार लघुकथा!
आपके कहे से सहमत हूँ आदरणीय तेज वीर सिंह जी, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार.
//किन्तु सोचने की बात है ऐसा करते हुए पिता अन्दर से कितना टूटा होगा//
अवश्य ही टूटा होगा आदरणीया, किन्तु कभी कभी दवा के रूप में कड़वी घूट पिलानी पड़ती है, सराहना और उत्साहवर्धन हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया राजेश जी.
प्रदत्त विषय को लघुकथा में ढालकर परिभाषित करने का यह अंदाज़ पसंद आया भाई गणेश बागी जी, हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI
आशीर्वाद रूपी प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीय गुरुदेव योगराज जी.
जी आदरणीया नीता सैनी जी, सराहना हेतु बहुत बहुत आभार.
उत्साहवर्धन करती आपकी विवेचनात्मक प्रतिक्रिया पर मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी.
आपकी रचनाएँ अक्सर छोटी होती है पर कथ्य एकदम गागर में सागर जैसा ,गहरी बात बहुत सरल ढंग से संप्रेषित हुई है , हार्दिक बधाई इस रचना पर आपको आदरणीय बागी जी
सराहना हेतु बहुत बहुत आभार आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी.
बहुत सुंदर रचना विषय पर, ये भी एक बढ़िया तरीका था पुत्र को सही राह पर लाने का| बधाई आपको
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