आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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पित्रपक्ष का सामयिक चित्रण कर प्रदत्त विषय सेसफलता से जोड़ा है आपने हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय
ये इत्तेफ़ाक है या नहीं अभी कुछ दिन पहले ही ये चुटकुला अखबार में भी आया था | पर जो भी है सारगर्भित है बहुत बहुत बधाई
आ. ओमप्रकाश जी सहभागिता के लिए बधाई स्वीकार करे किंतु विषयांतरगत रचना के मूल भाव तक जाने मे रचना सफ़ल नही या फ़िर मै समझ नही पा रही. थोडा स्पष्ट करे
मोहतरम जनाब ओमप्रकाश साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती अच्छी लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
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