For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुकुभ -छन्द -६ नवरात्रि और दुर्गा पूजा के अवसर पर

 कुकुभ छंद

घोड़े चढ़कर दुर्गनाशिनी, माँ भवानी आ रही है

घोड़े के वाहन पर दुर्गा, लौटकर भी जा रही है |

घोडा उथल पुथल का प्रतीक, युद्ध की संभावना है

ज्योतिष विद्या मानते इसको, देशो की तना तनी है |

२.

ज्योतिष गणना में है पाते, आपद विपद कष्ट सारा

पूजो माता दुर्गा को अब , माता ही एक सहारा |

भक्त वत्सला, शक्ति स्वरूपा, भक्तों के घर आएँगी

कार्तिक गणेश महेश को भी, साथ साथ ही लाएँगी |

३.

नवरात्रि में आद्य शक्ति स्रोत, उसकी होती है पूजा

है लक्ष्मी, सरस्वती, काली, दुर्गा वही, नहीं दूजा |

महालक्ष्मी रूप में सबको, समृद्धि प्रदान करती है

सरस्वती बनकर ही दात्री, अज्ञान को मिटाती है |

४.  

पहली और तीसरी माता, शैलपुत्री चन्द्रघंटा

दूसरी और चौथी माता, ब्रह्मचारिणी कुष्मांडा

छठवीं और पाँचवीं पूजा, कात्यायिनी स्कन्द माता

कालरात्रि महागौरी रूप, सातवीं आठवीं पूजा |

सर्व सिद्धि दायिनी शक्ति हो, सिद्धिदात्री नवीं माता |

महाकाली महालक्ष्मी तू, सरस्वती देती विद्या |

नौ रूपी दुर्गा पूजा ही, है सब सुख समृद्धि दात्री

नौ रूपी दुर्गा माता है, दस्यु शुम्भ-निशुम्भ हन्त्री |

६.

महादेवी शिवा को प्रणाम, सर्वदा हमसब करते हैं

कल्याणी सुख शांति रूप में. सदा ही करुणामयी है |

नमस्कार है श्रद्धा कृष्णा, दुर्गा नमो दुर्गपारा

बारबार हम करते प्रणाम, तुम्ही हो ये जगत सारा |  

     
मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 671

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 5, 2016 at 10:10pm

प्रोत्साहन के लिए शुक्रिया आदरणीया कल्पना जी 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 7:46pm

आ. कालिपद सर बेहद सुंदर रचना हुई है | हार्दिक बधाई |

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 3, 2016 at 10:55pm

शुक्रिया आदरणीय शिज्जू 'शकूर ' जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on October 3, 2016 at 5:45pm

आ. कालिपद मंडल जी अच्छी रचना हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 2, 2016 at 4:28pm

तहे दिल से शुक्रिया आ समर कबीर साहिब जी |आदाब 

Comment by Kalipad Prasad Mandal on October 2, 2016 at 4:26pm

जय माता दी आ बृजेश कुमार जी |

Comment by Samar kabeer on October 2, 2016 at 3:56pm
जनाब कालीपद प्रसाद जी आदाब,बढ़िया कुकुभ छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 2, 2016 at 2:42pm

जय माता दी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 167 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है ।इस बार का…See More
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Apr 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service