आदरणीय साथिओ,
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अपने भाई के घर को सब दे देने वाले के लिए एक छोटा सा उपहार कोई बड़ी चीज़ नहीं है .पर बात भावना की है ..पारिवारिक पृष्ठभूमि में सुन्दर कथा ...हार्दिक बधाई आपको आदरणीय विनय कुमार जी
बहुत बहुत आभार आ प्रतिभा पण्डे जी इस टिपण्णी के लिए
आदरणीय विनय जी, परवरिश का महत्त्व बताती विषय आधारित बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है आपने. इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई. सादर
बहुत बहुत आभार आ मिथलेश वामनकर जी
बहुत बहुत आभार आ नीता कसार जी
परवरिश और संयुक्त परिवार का महत्व बताती हुई इस सुन्दर लघुकथा पर हार्दिक बधाई प्रेषित है भाई विनय कुमार सिंह जी.
बहुत बहुत आभार आ योगराज प्रभाकर जी
बहुत बहुत आभार आ डॉ विजय शंकर जी
सच में ये सुरजू की बेहतरीन परवरिश का ही परिणाम था जो भाई का पूरा परिवार उसके सम्मुख नत था बहुत बढ़िया बेहतरीन सन्देश छोड़ती लघु कथा ,हार्दिक बधाई विनय जी
बहुत बहुत आभार आ राजेश कुमारी जी
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