आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
मुहतरमा शशि साहिबा , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघुकथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ---
मुहतरम जनाब शेख शहज़ाद उस्मानी साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघुकथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ---
आ० उस्मानी जी
सभी दोस्तों ने दो-दो हज़ार रुपये चुने गए अपने 'बैंक मैनेजर' साथी को सौंप दिए और अच्छी लॉज में ठहरने व बेहतरीन मनचाही व्यवस्थाओं के प्रस्ताव रखने लगे।
यह वाक्य कथा में अनावश्यक है . आपने अपना कथ्य अच्छी तरह आगे बढ़ाया पर अंत में पञ्च कमजोर रहा इसीलिये मिथिलेश जी को कुछ अधूरापन लगा . सादर
तीक्ष्ण व्यंग्य का कथानक लिए हुए रचना के सृजन हेतु सादर बधाई स्वीकार करें आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी साहब, गुरूजी और सभी गुणीजनों के अनुसार रचना में सुधार करेंगे तो निःसंदेह उत्कृष्ट हो जायेगी| सादर,
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |