आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
बढ़िया कथा हुई है आदरणीय निलेश जी | हार्दिक बधाई |
ओबीओ भी, जो न करवा दे. एक प्रसिद्ध गज़लकार से लघुकथा लिखवा देना केवल ओबीओ के बूते ही की बात है. आपको लघुकथा में कलम आज़माई करते देखना बायस-ए-मसर्रत है भाई निलेश नूर जी. "वेलकम अबोर्ड सर"
सही कहा भाई जी. मगर मै लाख कोशिशो के बाद भी गजल पर कलम नहीं चला पाई.
अरे वाह निलेश गजल से बढते हुए लघुकथा का सफ़र प्रारंभ करने हेतु स्वागत तुम्हारा इस मंच पर.बस एक बात है कृत्रिम सुख ज्यादा टिकता नहीं हैं मगर विसंगति तो है ही. बधाई बधाई ढेरों बधाई
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |