आदरणीय साथिओ,
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यह कथा मेरे भी ऊपर से निकल गई थी आ० मनन कुमार सिंह जी. आ० समर कबीर जी की टिप्पणी पर आपके उत्तर से थोडा बहुत समझ पाया. बेहतर होता कि इस तरह की असामान्य घटना को ऐसे ढंग से कहा जाता जो सबकी समझ में आ सकता. बहरहाल, आयोजन में सहभागिता हेतु हार्दिक अभिनन्दन स्वीकार करें.
सहभागिता हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार जी।लघुकथा पर मैं राय देने में असमर्थ हूँ क्योंकि यह शब्द "धड़ीचा" पहली बार सुना है।
बहुत बहुत बधाई आद० मनन कुमार जी कुछ शब्दों को समझने में कठिनाई हो रही है |
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