आदरणीय साथिओ,
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आदरणीय अर्चना जी, बहुत अच्छा प्रयास किया है प्रदत्त विषय को परिभाषित करने का । आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।
विषयान्तर्गत अच्छी रचना का सृजन किया है आदरणीया अर्चना जी, जिस हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें| थोड़े से सम्पादन और कसावट के बाद रचना बेहतर हो जायेगी| सादर विचारार्थ,
कथ्य और शिल्प के स्तर पर अभी रचना पूरी तरह साध नहीं पाई है. क्योंकि यह लघुकथा प्रदत्त विषय को काफी हद तक परिव्हाषित करने में सफल रही इस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है.
रिश्तों में आपसी सरोकार को केंद्र बनाकर अच्छा कथानाक बुना है , हार्दिक बधाई अर्चना जी , आदरणीय उस्मानी जी से सहमत हूँ ,,थोड़े से सम्पादन से कथा और निखरेगी ..
आभार आ० तस्दीक अहमद जी
शुक्रिया शहजाद भाई आपको कथा पसंद आई . 'वैशल्य' का अर्थ है किसी बहुत बड़ी पीड़ा का अंत
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