For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अम्बर को पाती भिजवाई -एक गीत

अम्बर को पाती भिजवाई,

व्याकुल होकर धरती ने.

 

सभी जरूरी संसाधन दे,

नर को जीना सिखलाया.

मर्यादा का पालन लेकिन,

कभी कहाँ वह कर पाया.

 

अपने मन की बात बताई,

व्याकुल होकर धरती ने.

 

पर्वत छीने, नदियाँ छीनी,

बरगद, पीपल छीन लिए.

नित्य अक्ष पर घूम रही हूँ,

अपनी देह मलीन लिए.

 

आसमान को व्यथा सुनाई,

व्याकुल होकर धरती ने.

 

चीरहरण की पीड़ा कब तक,

सहना मुझको बतला दो.

अंगारों पर चलूँ कहाँ तक,

इतना मुझको बतला दो.

 

अपनी जलती देह दिखाई,

व्याकुल होकर धरती ने.

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 655

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 5, 2018 at 1:28pm

 आदरणीय vijay nikore जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by vijay nikore on June 4, 2018 at 2:06pm

सुन्दर गीत...आनन्द आ गया

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 4, 2018 at 1:15pm

आपका अतिशय आभार आदरणीया Neelam Upadhyaya जी 

Comment by Neelam Upadhyaya on June 4, 2018 at 11:56am

आदरणीय बसंत जी, सुंदर रचना की प्रस्तुति के बधाई स्वीकार करें । 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 4, 2018 at 10:15am

आपका अतिशय आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 4, 2018 at 12:20am

आ. भाई बसंत जी, सुंदर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 3, 2018 at 10:45am

आपकी हौसलाअफजाई करती प्रतिक्रिया पर आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरनीय महेंद्र कुमार जी 

Comment by Mahendra Kumar on June 2, 2018 at 6:12pm

पर्यावरणीय दोहन पर बढ़िया गीत लिखा है आपने आदरणीय बसंत जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 2, 2018 at 12:35pm

आदरणीय  Mohammed Arif  जी आपका दिल से शुक्रिया, यूँ ही स्नेह बनाये रखें, सादर 

Comment by Mohammed Arif on June 2, 2018 at 10:59am

आदरणीय बसंत कुमार जी आदाब,

                         बरखा रानी की अच्छी आमद की मनोकामना से भरपूर प्यारे गीत की पेशकश पर हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
46 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
51 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय यूफोनिक अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। आदरणीय ग़ज़ल तक आने व बहुमूल्य प्रतिक्रिया हेतु…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service