आदरणीय साथिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीय विनय कुमार जी आदाब,
बहुत ही सामयिक और विचारोत्तेजक लघुकथा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
आस्था के विषय को बड़ी मुखरता से उजागर करती इस रचना के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी, रचना का प्र्स्तुतिक्र्ण और कथ्य सहज ही सरल एवम प्रभावी बना है.... अंत में कहा गया वाक्य / उसको गाय की किस्मत से रश्क... / थोडा अजीब लग रहा है. मेरे विचार से एक सुझाव के तौर पर आप ऐसा दिखा सकते थे.... // उसको, 'गाय माता' की प्रति प्रेम दर्शाते कांवडियो और उनके वास्तविक आचरण के बारें में सोच कर ही मन अवसाद से भर गया और वह भागकर ...... //
आ. वीर जी , विनय जी की कथा का अंत 'इतना आदर इंसान तो क्या पत्थर भी पूजे जाते हैं ' पर आधारित लग रहा हैं जहां गाय को मां का सम्मान दिया जाता हैं वहीं स्त्री की स्थिति इतनी चिंताजनक क्यो ?
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
वाह. क्या बात. बधाई विनय जी
आस्था के अनेक रूप उपस्थित किये. सामाजिक व् मानसिक विकृतियाँ ज्यों की त्यों. बहुत अच्छे से उभारा.
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
कांबरिया भगवान के दर्शन के लिए जा रहे थे अपनी सेवा देने जबकि सच्ची सेवा तो किनारे पड़ी गाय की करने पर मिल जाती।लेकिन ऐसी सेवा में आस्था नहीं।बेहतरीन रचना,बधाई स्वीकार कीजियेगा आदरणीय सरजी।
हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी। बेहतरीन लघुकथा ।सम सामयिक समस्या का बेहतरीन चित्रण।
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
रचना के मर्म तक पहुँच कर इसपर टिपण्णी के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |