परम आत्मीय स्वजन,
ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 112वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह जनाब मिर्ज़ा ग़ालिब साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|
"लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं "
221 2121 1221 212
मफ़ऊलु फ़ाइलातु मुफाईलु फाईलुन
(बह्र: मुजारे मुसम्मन् अखरब मक्फूफ महजूफ )
मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 25 अक्टूबर दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 26 अक्टूबर दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.
नियम एवं शर्तें:-
विशेष अनुरोध:-
सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें |
मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....
मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
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मुहतरम जनाब समर साहिब आ दाब, गज़ल पसन्द करने और आपकी इस इनायत का बहुत बहुत शुक्रिया
टाइप में उनका दो बार टाइप हो गया है
पोस्ट करते वक्त पता नहीं कैसे हो गया
आद0 तस्दीक अहमद साहब सादर अभिवादन। बढ़िया ग़ज़ल कही आपने। कुछ अशआर बेहद पसंद आये। बहुत बहुत बधाई और मुबारकबाद।
जनाब सुरेंद्र नाथ साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी इस इनायत का बहुत बहुत शुक्रिया
आ0 तस्दीक़ अहमद साहिब बहुत अच्छी ग़ज़ल। बहुत बहुत बधाई।
मुहतरम जनाब बासुदेव साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी हौसला अफजाई का बहुत बहुत शुक्रिया
जनाब दण्ड पानी साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी इस इनायत का बहुत बहुत शुक्रिया
तस्दीक़ अहमद साहब बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है बहुत बहुत बधाई
जनाब अनीस साहिब, गज़ल पसन्द करने और आपकी इस इनायत का बहुत बहुत शुक्रिया
आदरणीय तस्दीक अहमद साहब अच्छी ग़ज़ल हुई बधाइयां स्वीकार करें इस शेर को देखें शायद वहृ में नहीं है बाकी गुणीजन बताएंगे।
आज उनकी बोल चाल में तकरार भी नहीं l
।
'आज उनकी बोल चाल में तकरार भी नहीं'
अमित जी,ये मिसरा बह्र में है, 'आज उनकी' में अलिफ़ वस्ल किया गया है,इसे "आजुनकी"पढ़ें ।
धन्यवाद आदरणीय।
कृपया करके अलिफ वस्ल की प्रक्रिया को विस्तार में बताएं या कोई लिंक शेयर करें जहां हम इसके बारे में पढ़ सकें धन्यवाद।
अलिफ़ वस्ल के बारे में जानकारी के लिए ओबीओ के समूह "ग़ज़ल की बातें" में इस पर आलेख होगा,उसे देख लें ।
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