आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
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हार्दिक धन्यवाद आपका
आदरणीया जानकी वाही जी, रचना पर आने विचार देने के लिये आभार. सादरा.
आदरणीय उस्मानी जी, ये आज अगर अपने आप को सम्भाल नहीं पायेगा तो समाप्त हो जायेगा. वैसे भी आज सभी ऎसा नहीं कर रहे हैं कुछ है जिनपर ये कटाक्ष है. सादर.
आदरणीया नीता जी, रचना पर आने के लिये आभार. सादर.
मोहतरम जनाब शुभरांशु साहिब , प्रदत्त विषय को परिभाषित करती सुन्दर लघु कथा के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
आदरणीय तस्दीक जी, आप लोगों के विचार से हौसला मिलता है. सादर.
सुन्दर सार्थक प्रस्तुति हार्दिक बधाई
आदरणीय रतन जी , शुक्रिया. सादर.
वास्तव में यह भी माना जाता है कि तीसरी पीढ़ी विरासत को सम्भाल नहीं सकती है और कई बार यह सच घटित भी हुआ है| सादर बधाई स्वीकार करें आदरणीय शुभ्रांशु पाण्डेय जी, इस रचना के सृजन हेतु|
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