आदरणीय लघुकथा प्रेमिओ,
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आखिरी क्षण तक लोभ ही लोभ, बहुत बढ़िया रचना विषय पर| अब ऐसे में तो यमराज भी अपनी कुछ मांगों को लेकर धरने पर बैठ जायेंगे| बधाई आपको
भाई उस्मानी जी! मैंने समर कबीर साहिब की लघुकथा पर अपनी टिप्पणी में "संक्षिप्तता, सूक्ष्मता और संयमता" का ज़िक्र सोदाहरण दिया हैI इसके इलावा शीर्षक और प्रदत्त विषय के हवाले से भी कुछ निवेदन किया हैI कृपया उन्हें पढ़कर बताएँ कि क्या आप अपनी इस लघुकथा से संतुष्ट हैं? आपकी टिप्पणी के बाद मैं आपकी रचना पर पुन: उपस्थित होऊंगाI वैसे यमदूत धरने पर क्यों बैठा?
यह सच है की मरने के लिए मनुष्य कभी तैयार नहीं होता .यह परदे के पीछे का नहीं शाश्वत सत्य है . आपकी कथा लघु कथा की कसौटी पर सफल हो इसके लिए कथा के साथ अभी और श्रम अपेक्षित है . सादर .
आ.उस्मानी जी एक एकदम भिन्न कथानक के साथ रचना हुई है आपकी. इसके लिए ह्बरदय तल से बधाई स्वीकार किजिए
आदरणीय शेख साहिब ! पूरी लघुकथा का ताना बुना /मैं नहीं चाहता कि मेरे मरने के बाद मेरे परिवारजन मेरे शव को पैदल, साइकल पर या हाथ ठेले पर घर ले जाने को मजबूर हों! लकड़ी वग़ैरह जुटाने को तरसें और अंतिम संस्कार में देर हो/ इन पंक्ितयों के लिए बुना गया। पर अनावश्यक विस्तार की वजह से यह बिन्दु उभर नहीं पाया जबकि इसे ही उभारना चाहिए था। /मेरे मृत शरीर को भी स्वर्ग पहुंचा देना/ इन शब्दों में जो संवेदना व तीक्ष्ण व्यंग्य है वह कहीं न कहीं पर खो गया है। प्रिय भाई लघुकथा तो अर्जुन के निशाने तुल्य विधा है जहां उसे सिर्फ चिड़िया की आंख को ही देखना होता है । जहां उसे पेड़, पौधे, आसमान दिखने लगे वहीं वह अपने लक्ष्य से भटक जाता है। एक और बात शेख भाई ! आप अपनी लघुकथाओं के शीर्षक के चयन को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं हैं। ये आपकी लघुकथाओं का एक बहुत कमज़ोर पक्ष रहा है । और प्रस्तुत लघुकथा प्रदत्त विषय को साकार कर रही है मुझे इस पर भी संदेह है। आपकी विनम्रता देख कर ही इतना कुछ कहने की धृष्टता की है, कुछ ज्यादा कह गया हूं तो क्षमा चाहता हूं। सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |