आदरणीय साथिओ,
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बहुत बहुत आभार आ जानकी वाहीजी
बहुत बहुत आभार आ नीता कसार जी
आ मोहतरम जनाब समर कबीर साहब, आपका सुझाव सही है, यह भी हो सकता था| बहुत बहुत आभार आपका
उम्दा कथा हुई है आदरणीय विनय सर | हार्दिक बधाई आपको |
बहुत बहुत आभार आ कल्पना भट्ट जी
निःसन्देह बेहतरीन कथानक है और बहुत गहरा सन्देश छुपा है इस कथा में। बहुत बड़ी बात है इस 'छोटी सी बात में'। बस इतना सा संशय है ये जो सोचने कहने में अच्छा लगता है वो वास्तविकता में भी हमारे आचरण में आ सकेगा कभी। मन में अनगिनत प्रश्न खड़े करती कथा पर बहुत बधाई आ० विनय सर।
बहुत बहुत आभार आ सीमा सिंह जी, सोच लिया तो हो भी सकता है, सब अपने हाथ मे है|
आ.विनय जी थोडे मे आपने बहुत बडी बात कह दी. सार्थक रचना के लिए बधाई
बहुत बहुत आभार आ नयना कनित्कर जी
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