आदरणीय साथिओ,
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हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी
वाह वाह वाह आ० प्रतिभा पाण्डेय जी, लाजवाब लघुकथा कही है. पत्र-शैली में इतनी सटीक अभिव्यक्ति देख कर मन प्रसन्न हो गया. इसके इलावा जिस तरह आपने पूर्व में घटित बात को फ़्लैशबैक तकनीक से कहा है, वह तो गज़ब है. सहयात्रियों का नाम न पूछना और पत्र के अंत में आपका परिचय न देना - आफरीन!! लघुकथा में इशारों में बात किस तरह कही जाती है, यह लघुकथा उसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसके लिए एक्स्ट्रा वाह वाह!! इस मार्केदार लघुकथा हेतु मेरी ढेरों ढेर बधाई निवेदित है.
रचना और शिल्प पर आपका अनुमोदन मिला, प्रयास सफल हुआ , हार्दिक आभार आदरणीय योगराज प्रभाकर जी
गज़ब आदरणीया प्रतिभा दी , बेहतरीन शिल्प और कथा भी लाजवाब है, पत्र शैली में एक बेमिसाल कथा कही है आपने आपको कोटि कोटि बधाई|
हार्दिक आभार आदरणीया कल्पना जी
हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी ,
हार्दिक आभार प्रिय सीमा जी
हार्दिक आभार आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी
बहुत ही उम्दा लघु कथा , आदरणीया प्रतिभा जी
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