आदरणीय साथिओ,
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बहुत अच्छी लघुकथा . बधाई आदरणीय विनय कुमार जी .
हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।बेहतरीन संदेश प्रद लघुकथा।"इतिहास अपने आप को दुहराता है" इस युक्ति को चरितार्थ करती लाज़वाब लघुकथा।
बहुत ही अच्छी लघुकथा कही है भाई विनय कुमार जी प्रदत्त विषय से पूर्ण न्याय करती हुई. हार्दिक बधाई प्रेषित है.
प्रदत्त विषय पर बेहतरीन लघुकथा आदरणीय विनय कुमार जी । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।
धर्म की राजनीति पर अच्छा कटाक्ष करती रचना के सृजन हेतु सादर बधाई स्वीकार करें आदरणीय विनय कुमार सिंह जी सर|
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-34 को सफल बनाने हेतु सभी सुधि रचनाकार साथिओं का हार्दिक आभारI यह अंक आशा से कहीं अधिक सफल रहाI प्रदत्त विषय को जिस कुशलता से परिभाषित किया है वह सराहनीय हैI यह सबसे महत्वपूर्ण बात हैI विषय एक होते हुए भी कथ्य में विविधता देखने को मिलीI इस बार बहुत से कथानक भी लीक से हटकर और एकदम विशिष्ट थे, जिससे आयोजन का क़द बुलंद हुआ हैI आशा करता हूँ कि हमारे साथी भविष्य में भी इसी उत्साह से आयोजन की शोभा बढ़ाते रहेंगेI जय ओबीओI
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